अखिलेश यादव पर फिर से टोंटी चोरी का विवाद गरमा गया है। बीजेपी विधायक के बयान के बाद अखिलेश ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पूर्व आईएएस और योगी सरकार के सलाहकार अवनीश अवस्थी पर सीधा हमला बोला। सपा कार्यकर्ताओं ने भी विरोध दर्ज कराया।

Akhilesh Yadav Toti Chori Controversy: उत्तर प्रदेश की सियासत में ‘टोंटी चोरी’ का मुद्दा एक बार फिर गरम हो गया है। बीजेपी विधायक केतकी सिंह ने जब सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव से “टोंटी चोरी का हिसाब” मांगा, तो सियासी माहौल अचानक गरमा गया। अब अखिलेश यादव ने पलटवार करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सलाहकार और पूर्व आईएएस अवनीश अवस्थी पर बड़ा हमला बोला है।

“डस्टबिन जितना कद वाला ओएसडी”- अखिलेश के तंज से गरमाई सियासत

सपा कार्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान अखिलेश यादव ने कहा कि टोंटी चोरी के मामले में पहले ही एक प्रतिष्ठित अखबार ने स्टिंग ऑपरेशन किया था। उसमें नाम सामने आया था-पूर्व आईएएस अवनीश अवस्थी और उनके ओएसडी कौशिक का। अखिलेश ने व्यंग्य कसते हुए कहा-“उस ओएसडी का कद डस्टबिन के बराबर है। ये सब बातें हम भूलने वाले नहीं हैं। सरकार चाहे गंगाजल से घर धुलवाए, लेकिन सच को मिटा नहीं सकती।”

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योगी सरकार के ‘सबसे भरोसेमंद’ अफसर रहे अवस्थी

अवनीश अवस्थी 1987 बैच के यूपी कैडर के आईएएस रहे हैं। 31 अगस्त 2022 को रिटायर होने तक वे योगी सरकार के सबसे ताकतवर अफसरों में गिने जाते थे। गृह और सूचना विभाग जैसे अहम पदों पर रहते हुए उनकी छवि मुख्यमंत्री के ‘सबसे भरोसेमंद अधिकारी’ की बनी। रिटायरमेंट के बाद उन्हें मुख्यमंत्री का मुख्य सलाहकार बनाया गया और तब से वे लगातार इसी पद पर कार्यरत हैं।

2017 का किस्सा: जब गायब हो गई थी सीएम आवास की टोंटी

यह विवाद 2017 का है, जब उत्तर प्रदेश में सत्ता परिवर्तन हुआ था। नए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आवास का शुद्धिकरण कराया। उसी दौरान टोंटी गायब होने का दावा सामने आया और बीजेपी नेताओं ने अखिलेश यादव पर टोंटी चोरी का आरोप लगा दिया। तब से यह मुद्दा सियासत में बार-बार उठता रहा है और बीजेपी नेता अखिलेश को घेरते रहे हैं।

भाजपा विधायक के बयान के बाद सपा का हंगामा

बीजेपी विधायक केतकी सिंह ने हाल ही में अखिलेश से ‘टोंटी चोरी का हिसाब’ मांग लिया। इसके बाद समाजवादी पार्टी कार्यकर्ताओं ने विधायक के आवास पर जोरदार प्रदर्शन किया और पार्टी ने कानूनी नोटिस भी थमा दिया। यह साफ दिख रहा है कि आने वाले दिनों में यह विवाद फिर से राजनीतिक बहस का बड़ा मुद्दा बनेगा।

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