अलीगढ़ एयरपोर्ट विस्तार को बड़ी तेजी मिली है। प्रशासन 275 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहण के अंतिम चरण में पहुंच चुका है। 8 से 11 दिसंबर तक छह गांवों में SIA जनसुनवाई होगी। भूमि विवाद सुलझने के बाद 738 करोड़ की परियोजना को नई रफ्तार मिलने की उम्मीद है।

अलीगढ़ की हवाई कनेक्टिविटी का सपना अब पहले से कहीं ज्यादा करीब दिखाई दे रहा है। वर्षों से अटकी यह महत्वाकांक्षी परियोजना अब निर्णायक मोड़ पर पहुंच चुकी है, क्योंकि प्रशासन ने जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया को तेज गति से आगे बढ़ाना शुरू कर दिया है। जिन बाधाओं ने लंबे समय तक एयरपोर्ट विस्तार को रोके रखा था, वे अब एक-एक कर दूर होती दिख रही हैं।

SIA प्रक्रिया अंतिम चरण में, 8 से 11 दिसंबर तक छह गांवों में जनसुनवाई

अलीगढ़ एयरपोर्ट विस्तार के लिए सबसे महत्वपूर्ण सामाजिक प्रभाव आकलन (Social Impact Assessment – SIA) अब लगभग पूरा हो चुका है। इसी क्रम में प्रशासन 8 से 11 दिसंबर के बीच छह गांवों में जनसुनवाई आयोजित करेगा, जहां ग्रामीण अपनी राय, सुझाव और आपत्तियां दर्ज करा सकेंगे।

SDM कोल महिमा राजपूत ने बताया कि नागर विमानन विभाग और नागरिक उड्डयन अनुभाग-6 के दिशा-निर्देशों के अनुसार SIA रिपोर्ट का प्रकाशन और जनसुनवाई अनिवार्य प्रक्रिया है। यह रिपोर्ट गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय, ग्रेटर नोएडा द्वारा निर्धारित मानकों के अनुसार तैयार की गई है। ग्रामीण रिपोर्ट को जिला कलक्ट्रेट के भूमि अध्याप्ति अधिकारी कार्यालय, तहसीलदार कोल कार्यालय और ग्राम प्रधानों के पास अवलोकन कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त, रिपोर्ट जिले की वेबसाइट और नागरिक उड्डयन विभाग के पोर्टल पर भी उपलब्ध है।

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गांववार जनसुनवाई का पूरा कार्यक्रम

  • 8 दिसंबर – पंचायतघर खानगढ़ी – ईकरी खानगढ़ी
  • 9 दिसंबर – प्राथमिक विद्यालय बोरोना, पिखलौनी और निजामतपुर बोरोना
  • 10 दिसंबर – अलहदादपुर
  • 11 दिसंबर – उच्च प्राथमिक विद्यालय पनैठी

प्रशासन ने प्रभावित ग्रामीणों और भूमि स्वामियों से निर्धारित समय पर अनिवार्य उपस्थिति की अपील की है, ताकि अधिग्रहण प्रक्रिया पारदर्शी और सुगम तरीके से पूरी हो सके।

275 हेक्टेयर भूमि की ज़रूरत, 185 हेक्टेयर पहले ही खरीदी जा चुकी

एयरपोर्ट विस्तार के लिए कुल 275 हेक्टेयर भूमि की आवश्यकता है, जिसमें 31 हेक्टेयर सरकारी और 244 हेक्टेयर निजी भूमि शामिल है। लगभग एक हजार किसानों से यह भूमि अधिग्रहित की जानी है। अब तक प्रशासन सहमति आधारित खरीद के तहत सर्किल रेट से चार गुना मुआवजा देकर 185 हेक्टेयर भूमि खरीद चुका है। यह प्रक्रिया अब तक सुचारू रूप से आगे बढ़ी है।

59 हेक्टेयर निजी भूमि बनी थी सबसे बड़ी चुनौती

सबसे चुनौतीपूर्ण हिस्सा शेष 59 हेक्टेयर निजी भूमि का था, जहां कई कानूनी विवाद, अधूरे बैनामे, आवासीय दर से मुआवजे की मांग और कुछ भूखंडों पर मकान बने होने के कारण अधिग्रहण अटका हुआ था। लगभग 15 हेक्टेयर ऐसी भूमि है, जहां बैनामा तो हो चुका है लेकिन स्वामित्व खतौनी में दर्ज नहीं है। इन्हीं जटिल स्थितियों को ध्यान में रखते हुए जिला प्रशासन ने जेवर एयरपोर्ट मॉडल पर आधारित सीधा अधिग्रहण (Direct Acquisition) लागू करने का प्रस्ताव शासन को भेजा था। अब इस प्रस्ताव को मंजूरी मिल चुकी है, जिससे प्रक्रिया तेजी से आगे बढ़ने की उम्मीद है।

738 करोड़ की परियोजना को मिलेगी नई रफ्तार

जैसे-जैसे अधिग्रहण का अंतिम चरण पूरा होने की ओर बढ़ रहा है, वैसे-वैसे अलीगढ़ एयरपोर्ट विस्तार कार्य को गति मिलने की उम्मीद बढ़ गई है। यह 738 करोड़ रुपये की मेगा परियोजना पूरा होने के बाद अलीगढ़ को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बेहतर हवाई कनेक्टिविटी प्रदान करेगी। अलीगढ़ के विकास की दिशा में यह कदम शहर के आर्थिक, औद्योगिक और पर्यटन संभावनाओं को नई ऊंचाइयों तक ले जाने वाला साबित हो सकता है।

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