लखनऊ के शहीद पथ पर बिना नंबर प्लेट की स्कॉर्पियो ने चेकिंग के दौरान यातायात पुलिसकर्मी को 10 किलोमीटर तक घसीटा। पुलिस ने घेराबंदी कर आरोपी चालक को गिरफ्तार किया। गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज, राजधानी में बढ़ती दबंगई पर फिर सवाल।

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजधानी में शनिवार को एक ऐसी घटना हुई जिसने कानून-व्यवस्था पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया। शहीद पथ पर सामान्य वाहन चेकिंग के दौरान जो कुछ हुआ, वह किसी एक्शन फिल्म के दृश्य जैसा था, लेकिन यह वास्तविक जीवन का भयावह सच था। एक यातायात पुलिसकर्मी, अपनी ड्यूटी निभाते हुए, अचानक एक ऐसी स्थिति में फंस गया, जहां उसकी जान जोखिम में पड़ गई। बिना नंबर प्लेट वाली काली स्कॉर्पियो के चालक ने उसे गाड़ी में चिपकाकर करीब 10 किलोमीटर तक दौड़ाता रहा, लेकिन पुलिसकर्मी ने हिम्मत नहीं हारी और लगातार वॉकी-टॉकी पर स्थिति की सूचना देते रहे। अंततः पुलिस की त्वरित कार्रवाई ने आरोपी को पकड़ लिया।

कैसे हुई घटना की शुरुआत

शनिवार दोपहर, सरोजनी नगर थाना क्षेत्र के शहीद पथ मोड़ पर टीएसआई अजय कुमार अवस्थी की निगरानी में आरक्षी रंजीत कुमार यादव वाहन चेकिंग में लगे थे। इसी दौरान कानपुर-लखनऊ हाईवे से एक काली स्कॉर्पियो बिना नंबर प्लेट के पहुंची और तिराहे पर सवारी बैठाने लगी। जब आरक्षी रंजीत ने चालक से गाड़ी साइड में लगाने और कागजात दिखाने को कहा, चालक ने पहले सहयोग का नाटक किया।

लेकिन जैसे ही पुलिसकर्मी ड्राइविंग सीट के पास पहुंचे, बिना चेतावनी के स्कॉर्पियो तेज रफ्तार में आगे बढ़ गई। इस दौरान आरक्षी रंजीत का हाथ गाड़ी के दरवाजे में फंस गया और वे वाहन के साथ दौड़ते चले गए।

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10 किलोमीटर तक चला जानलेवा सफर

आरोपी चालक ने गाड़ी की स्पीड लगातार बढ़ाई। स्कॉर्पियो करीब 10 किलोमीटर तक पुलिसकर्मी को घसीटते हुए दौड़ती रही। इस दौरान रंजीत ने हिम्मत नहीं खोई और एक हाथ से किसी तरह वॉकी-टॉकी पकड़कर अपने अधिकारियों को तुरंत सूचना दी। सूचना मिलते ही पूरे क्षेत्र की पुलिस सतर्क हो गई। चंद मिनटों में नाकाबंदी की गई और सभी मार्ग सील कर दिए गए।

आरोपी गिरफ्तार, स्कॉर्पियो भी बरामद

पुलिस ने घेराबंदी कर गाड़ी को आखिरकार रोक लिया और चालक की पहचान कृष्ण कुमार गोस्वामी, पुत्र राम कुमार गोस्वामी, निवासी उन्नाव जिले के भगवंतपुर गांव के रूप में हुई। स्कॉर्पियो की तलाशी में कोई वैध कागजात नहीं मिले। गाड़ी पर नंबर प्लेट भी नहीं लगी थी, जिससे उसके उपयोग पर कई तरह के संदेह खड़े हो गए हैं।

गंभीर धाराओं में केस दर्ज

आरक्षी रंजीत की तहरीर पर सरोजनी नगर थाना पुलिस ने आरोपी के खिलाफ कई गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है, जिनमें शामिल हैं:

  • धारा 353 – सरकारी कार्य में बाधा
  • धारा 332 – सरकारी कर्मचारी को चोट पहुंचाने की मंशा
  • धारा 279 – लापरवाही से वाहन चलाना
  • धारा 427 – क्षति पहुंचाना
  • मोटर व्हीकल एक्ट की संबंधित धाराएं

"यह महज नियम तोड़ना नहीं, जानलेवा अपराध है" – पुलिस

टीएसआई अजय कुमार अवस्थी ने कहा, “यह अत्यंत गंभीर मामला है। आरोपी ने न केवल कानून का उल्लंघन किया बल्कि हमारे जवान की जान को खतरे में डाला। उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।”

राजधानी में बढ़ती दबंगई पर फिर उठा सवाल

यह घटना एक बार फिर उस बढ़ती प्रवृत्ति को उजागर करती है, जहां नियमों का पालन करवाने वाली यातायात पुलिस ही असामाजिक तत्वों का निशाना बन रही है। कई बार नशे में धुत चालक, रसूखदार लोगों के समर्थक या मनचले बिना किसी डर के पुलिसकर्मियों के साथ अभद्रता करते हैं। लेकिन इस बार मामला जान से खेलने तक पहुंच गया।

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