Platform Miracle in Uniform: झांसी स्टेशन पर सेना का कमाल! हाथ में पॉकेट चाकू, पास में हेयर क्लिप... और सामने दर्द से तड़पती महिला! मेजर रोहित ने रेलवे स्टेशन को बनाया ऑपरेशन थिएटर, मां और बच्चे को ऐसे दी नई ज़िंदगी कि हर कोई रह गया दंग!
Major Rohit army hero: भारतीय सेना के डॉक्टर मेजर रोहित ने अपनी बहादुरी और चिकित्सकीय कौशल का अनोखा उदाहरण पेश करते हुए झांसी रेलवे स्टेशन पर एक गर्भवती महिला का प्रसव कराया। इस दौरान उनके पास न तो अस्पताल का कोई उपकरण था और न ही कोई मेडिकल स्टाफ। लेकिन पॉकेट चाकू और हेयर क्लिप जैसे सीमित संसाधनों का इस्तेमाल कर उन्होंने मां और बच्चे की जान बचा ली।

कैसे हुआ यह चमत्कारिक डिलीवरी ऑपरेशन?
यह घटना शनिवार की है जब वीरांगना लक्ष्मीबाई झांसी रेलवे स्टेशन पर एक महिला को अचानक प्रसव पीड़ा होने लगी। महिला अपने पति और एक बच्चे के साथ पनवेल से बाराबंकी जा रही थी और झांसी स्टेशन पर ट्रेन से उतरी थी। जैसे ही महिला को प्लेटफॉर्म पर लाया गया, वह ज़ोर-ज़ोर से चिल्लाने लगी। उसी समय हैदराबाद जाने वाली ट्रेन का इंतजार कर रहे मेजर रोहित ने महिला की हालत देखी और तुरंत मदद के लिए आगे आए। वे झांसी के मिलिट्री हॉस्पिटल में तैनात हैं।
महिला की चीख सुन रेलवे स्टाफ संग एक्टिव हो गए मेजर
रेलवे की महिला टीटीई और अन्य स्टाफ ने तुरंत आस-पास की जगह को सुरक्षित किया और प्रसव क्षेत्र को धोती से ढका गया। स्टाफ ने दस्ताने भी उपलब्ध कराए। मेजर रोहित ने अपने पॉकेट चाकू और हेयर क्लिप की मदद से महिला का सुरक्षित प्रसव कराया। इसके बाद मां और नवजात को तुरंत एंबुलेंस से अस्पताल भेजा गया।
सेना और रेलवे दोनों ने की सराहना
भारतीय सेना ने इस घटना को लेकर आधिकारिक बयान जारी करते हुए मेजर रोहित की सराहना की। उन्होंने कहा, “झांसी स्टेशन पर एक गर्भवती महिला को अचानक प्रसव पीड़ा हुई। बिना देरी किए सेना के डॉक्टर मेजर रोहित ने चुनौतीपूर्ण माहौल में सुरक्षित प्रसव सुनिश्चित किया। उनकी समय पर प्रतिक्रिया ने दो जिंदगियों को बचा लिया।” रेलवे की ओर से भी बयान आया कि महिला ने रेल मदद ऐप के माध्यम से सहायता मांगी थी और झांसी कंट्रोल रूम सक्रिय हो गया था।
मेजर रोहित: पूर्व एयरफोर्स कर्मी के बेटे
मेजर रोहित भारतीय वायुसेना के एक सेवानिवृत्त कर्मी के बेटे हैं। उन्होंने TOI से बात करते हुए बताया, "मैंने बिना सोचे-समझे अपने अनुभव और आसपास जो भी संसाधन थे, उनकी मदद से डिलीवरी कराई। महिला और नवजात दोनों सुरक्षित हैं।"
