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आगरा के 'जोशीमठ' में जर्जर मकानों को तोड़ने में सेना करेगी मदद, 8 मकान किए गए चिन्हित देखें Photos
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सैन्य अधिकारी टीम के साथ घटनास्थल का निरीक्षण करने के लिए मौके पर पहुंचे। प्रशासन ने 40 से 50 फीट की ऊंचाई पर स्थित बस्ती के 8 मकानों को गिराने के लिए चिन्हित किया है। बता दें कि अब सेना की मदद से जर्जर मकानों को गिराने का काम किया जाएगा। सेना के साथ ही मौके पर SDRF की टीम भी मौजूद है।
हादसे के बाद बस्ती में रहने वाले 30 परिवारों के सामने आश्रय की समस्या खड़ी हो गई है। वहीं पुलिस प्रशासन ने जर्जर मकानों को चिन्हित कर उन पर क्रॉस का निशान बना दिया है। बता दें कि इस मकानों को असुरक्षित घोषित कर दिया गया है। SDRF टीम ने यहां पर रहने वाले परिवारों का सामान निकालना शुरू कर दिया है।
टीला माईथान में बिजली और पानी पहले ही बंद कर दिया गया है। जिसके बाद सबसे बड़ा सवाल यह है कि यहां रहने वाले परिवार अब कहां जाएंगे। वहीं लोगों में इस बात की भी नाराजगी है कि अधिकारियों ने अचानक से मकान खाली करने के लिए बोल दिया। ऐसे में हर दिन कमाने-खाने वाले लोग अपना परिवार लेकर कहां जाएं, इसके बारे में किसी ने कुछ नहीं बताया।
प्रशासन की टीम ने टीला माईथान में स्थित घरों में निशान क्या लगाए किया इनमें रहने वाले परिवारों के आखों की नींद उड़ गई। कई घरों को शुक्रवार सुबह से ही बिजली नहीं मिल रही है। वहीं शनिवार को पानी की सप्लाई भी बंद कर दी गई। बता दें कि टीला माईथान की जिस गली के बाहर हादसा हुआ था, वह पहले तो 4 फुट है। लेकिन अंदर आने के बाद यह रास्ता केवल 2 या 3 फुट का ही रह जाता है।
ऐसे में अगर हादसा होता है कि तो लोगों की मदद करना मुश्किल हो जाएगा। यहां पर करीब 50 से अधिक घर बने हुए हैं। बता दें कि टीला माईथान में मकान गिरने की आशंका पर इटावा और लखनऊ से 42 सदस्यीय टीम आई है। प्लाटून कंमांडर मोईन खान ने जानकारी देते हुए बताया कि मलबा हटाए जाने पर जर्जर हुए मकान गिर सकते हैं। जिस कारण लोगों से मकान खाली करवाए जा रहे हैं।
सिटी स्टेशन रोड स्थित टीला माईथान में एडीए के इंजीनियरों की लापरवाही से मकान गिरे हैं। बता दें कि न तो इंजीनियरों ने सही से मॉनिटरिंग की और न ही ठीक से प्रवर्तन अनुभाग से कार्रवाई की गई। वहीं डीएम नवनीत सिंह चहल ने शनिवार को जर्जर भवनों की रिपोर्ट शासन को भेज दी है। हादसे के दौरान एक बच्ची की मौत हो गई थी।