Axiom-4 mission success : ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला 18 दिन अंतरिक्ष में बिताकर सकुशल धरती पर लौट आए। उनकी मां भावुक हो गईं और देश को गर्व हुआ। अब मिशन के अगले चरण की तैयारी है।

Shubhanshu Shukla space return: जब अंतरिक्ष यात्री ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला की धरती पर सुरक्षित वापसी की खबर लखनऊ स्थित उनके घर पहुंची, तो मां आशा शुक्ला की आंखों से आंसू रुक नहीं पाए। बेटे के इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) से सकुशल लौटने की खबर ने पूरे परिवार को भावुक कर दिया।

"मेरा बेटा सही सलामत लौट आया, मैं भगवान का धन्यवाद करती हूं। बहुत दिनों बाद उसकी वापसी हुई है... भावुक हो गई थी मैं," – आशा शुक्ला ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा।

ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला, Axiom-4 मिशन के तहत अंतरिक्ष में गए थे। 18 दिनों तक अंतरिक्ष की शून्यता में रहने के बाद अब उन्होंने एक बार फिर पृथ्वी की गुरुत्वाकर्षण को महसूस किया है। उनका यह मिशन न सिर्फ तकनीकी रूप से महत्वपूर्ण था, बल्कि भारत के लिए गर्व का क्षण भी बना।

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समुद्र में 'स्प्लैशडाउन', अब होगा अगला कदम

ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट का सफल 'स्प्लैशडाउन' प्रशांत महासागर में हुआ। इस समय अंतरिक्ष यान को रिकवरी शिप पर लाने की प्रक्रिया चल रही है, जिसके बाद सभी अंतरिक्ष यात्री जहाज़ से बाहर निकलेंगे। शुभांशु शुक्ला की सुरक्षित वापसी के साथ मिशन का अगला चरण, फिजिकल रिकवरी और डेटा विश्लेषण – शुरू होगा।

“डर तो था, लेकिन अब है गर्व की बात”

शुभांशु की मां आशा शुक्ला ने आगे कहा, "शुरू में डर था... लेकिन अब जो खुशी है, उसे शब्दों में बयां नहीं कर सकती। मेरा बेटा अंतरिक्ष से लौट आया है, इससे बड़ी बात क्या हो सकती है!"

उन्होंने युवाओं को भी प्रेरित करते हुए कहा, “नई पीढ़ी को शुभांशु से प्रेरणा लेनी चाहिए और अपने सपनों को उड़ान देनी चाहिए।”

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शुभांशु शुक्ला की वापसी केवल एक अंतरिक्ष मिशन की समाप्ति नहीं, बल्कि भारत की अंतरिक्ष संभावनाओं के विस्तार की एक नई शुरुआत है। इस मिशन ने दिखा दिया है कि भारतीय वैज्ञानिक और सैनिक वैश्विक मंच पर अग्रणी भूमिका निभा सकते हैं।

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