सार

माफिया अतीक अहमद और अशरफ की हत्या के बाद सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के द्वारा सवाल उठाए गए हैं। ज्ञात हो कि इससे पहले भी विधानसभा में उनके द्वारा सीएम योगी के सामने मिट्टी में मिलाने के बयान पर सवाल उठाए गए थे।

प्रयागराज: माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की हत्या के बाद यूपी के पूर्व सीएम और समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने प्रदेश सरकार पर कई सवाल उठाए हैं। अखिलेश यादव ने ट्वीट करते हुए लिखा कि, 'उप्र में अपराध की पराकाष्ठा हो गयी है और अपराधियों के हौसले बुलंद है। जब पुलिस के सुरक्षा घेरे के बीच सरेआम गोलीबारी करके किसीकी हत्या की जा सकती है तो आम जनता की सुरक्षा का क्या। इससे जनता के बीच भय का वातावरण बन रहा है, ऐसा लगता है कुछ लोग जानबूझकर ऐसा वातावरण बना रहे हैं।'

विधानसभा में अखिलेश और सीएम योगी की बातचीत का वीडियो हुआ था वायरल

आपको बता दें कि अतीक अहमद और अशरफ को लेकर अखिलेश यादव की छटपटाहट नई नहीं है। ज्ञात हो कि इससे पहले उमेश पाल की हत्या के बाद जब सीएम योगी आदित्यनाथ के द्वारा यूपी विधानसभा में माफिया को मिट्टी में मिलने का बात कही गई थी तब भी अखिलेश यादव की नाराजगी सामने आई थी। विधानसभा में अखिलेश ने जमकर गुस्सा दिखाई थी। विधानसभा में बजट सत्र के दौरान सीएम योगी ने जब अपराधियों को पालने और उनके माल्यार्पण की बात कही तो अखिलेश यादव ने कहा कि आपकी दोस्ती बसपा से है इसलिए आप उनका नाम नहीं ले रहे हैं। सीएम योगी ने कहा था कि जिस अतीक अहमद के खिलाफ उमेश पाल के परिजनों ने मुकदमा दर्ज करवाया है वह समाजवादी पार्टी का पोषित माफिया है और उसकी कमर तोड़ने का काम हमारी सरकार ने किया है। इस माफिया को मिट्टी में मिला देंगे। इसके बाद अखिलेश यादव ने कहा कि अपराधी आपके यहां है। हम नहीं सुनेंगे इनकी (सीएम योगी) की बात। जिसके बाद सीएम योगी ने कहा था कि अध्यक्ष महोदय ये पेशेवर माफिया और अपराधियों के सरपरस्त है। यह लोग लगातार यही करते रहे हैं। इनके रग-रग में अपराध भरा हुआ है। अपराध के अलावा इन लोगों ने कुछ सीखा नहीं है। पूरा प्रदेश इन लोगों को जानता है औऱ आज यह लोग अपनी सफाई देने के लिए आए हैं।

बसपा सुप्रीमो ने भी घटना पर उठाए सवाल

बसपा सुप्रीमो मायावती की ओर से भी माफिया अतीक और अशरफ की हत्या के बाद सवाल उठाए गए हैं। मायावती ने ट्वीट करते हुए लिखा कि, गुजरात जेल से अतीक अहमद व बरेली जेल से लाए गए उनके भाई अशरफ की प्रयागराज में कल रात पुलिस हिरासत में ही खुलेआम गोली मारकर हुई हत्या, उमेश पाल जघन्य हत्याकाण्ड की तरह ही, यूपी सरकार की कानून-व्यवस्था व उसकी कार्यप्रणाली पर अनेकों गंभीर प्रश्नचिन्ह खड़े करती है। देश भर में चर्चित इस अति-गंभीर व अति-चिन्तनीय घटना का माननीय सुप्रीम कोर्ट अगर स्वंय ही संज्ञान लेकर उचित कार्रवाई करे तो बेहतर। वैसे भी उत्तर प्रदेश में ’’कानून द्वारा कानून के राज’’ के बजाय, अब इसका इण्काउण्टर प्रदेश बन जाना कितना उचित? सोचने की बात।

अतीक-अशरफ की हत्या के बाद अलर्ट मोड पर एसटीएफ, फिल्मी अंदाज में हुआ माफिया का अंत, मायावती बोलीं- यूपी का एनकाउंटर प्रदेश बन जाना कितना उचित?