अयोध्या में 25 नवंबर 2025 को राम मंदिर के 191 फीट ऊंचे शिखर पर धर्म ध्वजारोहण होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस अनुष्ठान को पूरा करेंगे। सुप्रीम कोर्ट के फैसले से लेकर मंदिर निर्माण और ध्वजरोहण तक की पूरी जानकारी यहां पढ़ें।

अयोध्या में नवंबर की सुबहें इस बार कुछ अलग हैं। हवा में ठंड है, लेकिन श्रद्धा की गरमाहट पहले से ज़्यादा महसूस हो रही है। क्योंकि 25 नवंबर को राम जन्मभूमि परिसर में वह दृश्य देखने को मिलेगा, जिसका इंतजार करोड़ों राम भक्तों ने वर्षों तक किया- राम मंदिर के शिखर पर धर्म ध्वजरोहण।

भव्य मंदिर की तीनों मंजिलें पूरी हो चुकी हैं और अब मंदिर निर्माण की यात्रा अपने एक महत्वपूर्ण पड़ाव पर पहुंच चुकी है। यह वही पवित्र ध्वजा है जिसे निर्माण पूर्ण होने के पश्चात ही शिखर पर स्थान दिया जाता है। इस महाअनुष्ठान को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सम्पन्न करेंगे।

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कैसे शुरू हुई राम मंदिर की आधुनिक यात्रा?

  • सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक निर्णय – 5 अगस्त 2019

वर्षों से चले आ रहे विवाद पर सुप्रीम कोर्ट ने निर्णायक फैसला सुनाया। पूरी विवादित भूमि हिंदू पक्ष को देने और मस्जिद के लिए अलग ज़मीन उपलब्ध कराने का आदेश आया। इसी दिन से राम मंदिर निर्माण की वास्तविक राह साफ हुई।

  • भूमि पूजन ने बदल दी दिशा – 5 अगस्त 2020

निर्धारित स्थान पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वैदिक मंत्रोच्चार के बीच आधारशिला रखी। यहीं से श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने औपचारिक रूप से कार्यभार संभाला। चंपत राय को निर्माण समिति की जिम्मेदारी और नृपेंद्र मिश्रा को ट्रस्ट की अध्यक्षता सौंपी गई।

  • रामलला के दरबार में उजला दिन – 22 जनवरी 2024

देश की नजरें अयोध्या पर थीं, जब पीएम मोदी ने राम मंदिर का उद्घाटन किया। उसी दिन भव्य प्राण प्रतिष्ठा संपन्न हुई। लाखों श्रद्धालुओं और सैकड़ों विशिष्ट अतिथियों—जिनमें सचिन तेंदुलकर और रणबीर कपूर भी शामिल थे, ने इसे ऐतिहासिक क्षण के रूप में देखा।

  • राम दरबार की प्रतिष्ठा – 5 जून 2024

मंदिर के प्रथम तल पर स्थापित राम दरबार की प्राण-प्रतिष्ठा होने से परिसर की आध्यात्मिक ऊर्जा और प्रबल हुई। राम, सीता, लक्ष्मण और हनुमान की मूर्तियां सिंहासन पर स्थापित की गईं।

  • सप्त मंदिरों का कार्य पूरा – 27 अक्टूबर 2024

श्रीराम जन्मभूमि परिसर में सप्त मंडप सहित सभी सहयोगी मंदिरों का निर्माण पूरा घोषित किया गया। अब रामलला मंदिर, परकोटे के छह मंदिर, शेषावतार मंदिर और सप्त मंडप, सभी दर्शनार्थियों के लिए तैयार हैं।

  • 25 नवंबर 2025: धर्म ध्वजारोहण का शुभ मुहूर्त

इस विशेष अनुष्ठान की शुरुआत दोपहर 12 बजे होगी। लगभग 20 मिनट बाद मंदिर के 191 फीट ऊंचे शिखर पर धर्म ध्वजा लहराने लगेगी। अयोध्या की गलियों में शंख, मंत्र और भजन की ध्वनियां गूंजेंगी और मंदिर परिसर एक बार फिर ऐतिहासिक दृश्य का साक्षी बनेगा।

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