वाराणसी की प्रसिद्ध 'पलंग तोड़' मिठाई स्वाद और सेहत का खजाना है, जो साल में सिर्फ 3 महीने मिलती है। दूध की मलाई, केसर व मेवों से बनी यह मिठाई 12 घंटे में तैयार होकर कुछ ही मिनटों में बिक जाती है।

वाराणसी के फेसम पलंग तोड़ मिठाई, सेहत - स्वाद का खजाना, साल में सिर्फ मिलते तीन माह

वाराणसी : बनारस अपनी कला संस्कृति एवं आध्यात्मिकता के साथ-साथ यहां के स्ट्रीट फूड एवं मिठाइयों से भी विश्व में अलग पहचान बनाया हुआ है। आज हमको बनारस की एक खास मिठाई के बारे में बताएंगे। जो स्वाद के साथ नाम से भी खास बनाता है। यह सिर्फ साल भर में तीन माह मिलता है। जिसका स्वाद चखने के लिए लोग पूरे साल इंतज़ार करते है। यह मिठाई सैकड़ों साल पुरानी बताई जाती है लेकिन इसमें समय के साथ बदलाव कर आधुनिक रूप दिया गया। जिसे पलंग तोड़ मिठाई के रूपेण जानते है, जो बहुत फेमस है।

पलंग तोड़ मिठाई बनाना तपस्या करना के बराबर

पलंग तोड़ मिठाई खाना जितना खास लगता है। उससे बनाना उतना कठिन है। यह कह सकते है एक तपस्या करने के बराबर है। पलंग तोड़ मिठाई बनाने वाले भैरो सरदार बताते है कि इसके लिए सुबह 8 बजे से परंपरागत तरीके ( गोईठा ) से चूल्हे में दूध को पकाया जाता है। इसमें ना तो गैस चूल्हा ना ही स्टोप का प्रयोग किया जाता है। धीरे-धीरे गोईठा की आंच में शाम 4 बजे तक पकाया जाता है। इसके बाद दूध से मलाइयो की एक मोटी परत जम जाती है।

जानिए बनारस की पलंग तोड़ मिठाई बनाने की विधि

भैरो सरदार आगे बताते है दूध से मलाई की परत को एक जगह किया जाता है। फिर इसे एक बड़े थाली में परत-दर-परत केसर के सिरे (चटनी) के बीच में लगाया जाता है। अपने आप में एक टास्क होता है। फिर इसमें बादाम, पिस्ता बादाम एवं काजू इसमें डाले जाते हैं। करीब शाम 5:30 बजे इस दुकान पर लगाया जाता है। खत्म हो जाता है। इस तरह से पलंग तोड़ मिठाई को बनने में तकरीबन 12 घंटे लगते हैं और ये कुछ ही घंटे में बिक जाती है।

एनर्जी से भरपूर पलंग तोड़ मिठाई

दूध की मलाई से बनने वाली ये मिठाई एनर्जी बूस्ट करने का काम करती है और कई तरह से हेल्थ के लिए फायदेमंद रहती है, क्योंकि भरपूर मात्रा में कैल्शियम, प्रोटीन और कई पोषक तत्व मिलते हैं। केसर और बादाम जैसे इनग्रेडिएंट्स की तासीर गर्म होती है जो सर्दी से बचाए रखने में कारगर है। ठंड में मिलने वाली मिठाई लोगों को काफी पसंद आती है। इसी लिए लोगों ने इसका नाम पलंग तोड़ रख दिया। जिसे स्वाद एवं नाम ने विश्व विख्यात बना दिया।

कहां पर मिलेगा पलंग तोड़ मिठाई

वाराणसी आप घूमने जा रहे हैं तो आप वाराणसी की गलियों में मणिकर्णिका घाट या ठठेरी बाजार से अंदर जाएंगे तो आपको भगवान परशुराम महादेव का मंदिर मिलेगा। वहीं पर एक चबूतरे पर भैरो सरदार की प्राचीन दुकान मिलेगा। भैरव सरदार का मानना है कि वाराणसी में पलंग तोड़ मिठाई बनाने का शुरुआत उनके हो परिवार द्वारा किया गया है। अब इसको नकल लोग करने लगें है लेकिन वो ऐसा नहीं बना पाते है।

इस परिवार की सातवीं पीढ़ी बना रही है मिठाई

भैरव सरदार के पुत्र ने बताया कि यह मिठाई हमारे परिवार में कई पीढियां से बनाई जा रही है। हम सातवीं पीढ़ी हैं, लेकिन 60 साल पहले मेरे पिताजी द्वारा इसमें काफी बदलाव किया गया। इसमें केसर के रस बादाम पिस्ता जैसे चीजें मिलाई जाती हैं जो इस मिठाई को काफी खास बनाती हैं। शाम को 5:30 बजे यह दुकान लगाई जाती है, कुछ मिनट में ही यह बिक जाती है। यह बहुत फेमस मिठाई है। यह ठंड में दिसंबर से फरवरी के लास्ट तक मिलता है।

एक ग्राहक को खाने के लिए 3 घंटे करना पड़ा इंतजार

  • पश्चिम बंगाल से वाराणसी पहुंची श्रद्धालु ने बताया कि पलंगतोड़ मिठाई के बारे में बहुत सुन रखा था। इस मिठाई को लेने के लिए मुझे 2 - 3 घंटे तक इंतजार करना पड़ा। आज मेरा ट्रेन था तो मैंने इसे पैक कर लिया है। ट्रेन में परिवार सहित खायेंगे। देखने में या बहुत स्वादिष्ट और अच्छा लग रहा है।
  • वाराणसी के रामनगर निवासी युवक ने बताया कि यह हर साल जाड़े के समय मिठाई खाने के लिए यहां पर आता है। यह बनारस में सबसे फेमस जगह जहां पर यह मिठाई बनती है। यह नाम के साथ बहुत स्वादिष्ट है।इससे खाने के लिए काफी इंतजार करना पड़ता है। (खबर इनपुट- सुरेंद्र, वाराणसी)