बिजनौर में भगवा पहनकर चोरी करने वाले गैंग का पुलिस ने खुलासा किया है। आरोपी मुस्लिम समुदाय के हैं जो धार्मिक आयोजनों में श्रद्धालु बनकर महिलाओं के आभूषण चुरा लेते थे। पुलिस ने सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर गहने और नकदी बरामद की है।

धार्मिक आयोजनों में श्रद्धा के बीच अपराध की घुसपैठ का चौंकाने वाला मामला सामने आया है। बिजनौर में ऐसे गिरोह का खुलासा हुआ है जो भगवा वस्त्र और कलावा बांधकर हिंदू आयोजनों में शामिल होता था, और मौके का फायदा उठाकर महिलाओं के आभूषण चुरा लेता था।

धार्मिक आयोजनों में बढ़ी चोरी की घटनाएं

पिछले कुछ महीनों से उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले में धार्मिक आयोजनों के दौरान आभूषण चोरी की घटनाएं बढ़ रही थीं। पुलिस को कई जगहों से शिकायतें मिल रही थीं कि कथा या पूजा-पाठ के दौरान महिलाओं की सोने की चेन और गहने चोरी हो रहे हैं। अब पुलिस ने इस गुत्थी को सुलझाते हुए ऐसे गैंग का पर्दाफाश किया है जिसके सदस्य मुस्लिम धर्म के हैं, लेकिन चोरी के लिए भगवा कपड़े पहनकर और हाथों में कलावा बांधकर खुद को हिंदू भक्त के रूप में पेश करते थे।

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कथाओं में बनते थे श्रद्धालु, करते थे चोरी

पुलिस जांच में सामने आया कि यह गैंग धार्मिक आयोजनों और मंदिरों में भीड़ का फायदा उठाकर काम करता था। वे कथा में बैठते, मंत्रों का जाप करते और श्रद्धालु का रूप धारण कर महिलाओं के करीब पहुंच जाते। जैसे ही मौका मिलता, बड़ी सफाई से गले की चेन या कान की झुमकी काट लेते और भीड़ में गायब हो जाते।

24 सितंबर को भागवत कथा में हुई बड़ी वारदात

मामला उस समय खुला जब 24 सितंबर को बिजनौर के किरतपुर कस्बे में भागवत कथा के दौरान एक ही दिन में तीन महिलाओं की सोने की चेनचोरी हो गई। पीड़ितों में से एक अरविंद कुमार ने पुलिस में शिकायत दी कि उनकी पत्नी के गले से तीन तोले की सोने की चेन काट ली गई। पुलिस ने जब आसपास की घटनाओं को खंगाला तो पता चला कि इसी तरह की चोरी कई कथाओं और आयोजनों में हो चुकी है।

सीसीटीवी फुटेज से खुला गिरोह का राज

पुलिस ने इलेक्ट्रॉनिक और मैनुअल सर्विलांस की मदद से जांच शुरू की। सीसीटीवी फुटेज में देखा गया कि पीड़ित महिला के आसपास सात लोग बैठे थे, जिनकी गतिविधियां संदिग्ध लग रही थीं। जब उनकी पहचान कराई गई तो चौंकाने वाला सच सामने आया, ये सभी मुस्लिम समुदाय के थे, जो भगवा वस्त्र और कलावा पहनकर आयोजनों में शामिल होते थे।

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