उत्तर प्रदेश ने IT और AI में नई पहचान बनाई है। योगी सरकार का लक्ष्य है 2047 तक यूपी को ग्लोबल टेक्नोलॉजी हब बनाना, 15-20 डेकाकॉर्न स्टार्टअप तैयार करना और राज्य की इकॉनमी को 6 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचाना।

लखनऊ, 07 सितंबर। बीते साढ़े आठ सालों में उत्तर प्रदेश ने इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी (IT) और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) जैसे नए क्षेत्रों में बड़ी प्रगति की है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में प्रदेश ने 2017 से पहले की चुनौतियों को पीछे छोड़कर खुद को एक नए टेक्नोलॉजी हब के रूप में स्थापित करने की दिशा में ठोस कदम उठाए हैं।

सीएम योगी का विजन है कि 2047 तक यूपी में 15-20 डेकाकॉर्न (10 अरब डॉलर मूल्य वाली कंपनियां) खड़ी हों। इसके लिए IT, AI और डीप-टेक जैसी तकनीकों को बढ़ावा दिया जा रहा है। साथ ही 4 करोड़ से अधिक युवाओं को ग्लोबल स्किल्ड वर्कफोर्स के रूप में तैयार करने पर जोर दिया जा रहा है।

2017 से पहले और अब का बदलाव

2017 से पहले प्रदेश में IT और डिजिटल सेक्टर को लेकर न कोई ठोस नीति थी और न ही कोई बड़ा विजन। सॉफ्टवेयर एक्सपोर्ट बेहद सीमित था, डाटा सेंटर सिर्फ कागजों में ही मौजूद थे, प्रदेश तकनीकी दौड़ में पीछे छूट रहा था। लेकिन योगी सरकार के प्रयासों से आज हालात बदल चुके हैं:

  • उत्तर भारत का पहला डाटा सेंटर गौतमबुद्ध नगर में स्थापित हुआ
  • कई और डाटा सेंटर निर्माणाधीन हैं
  • सॉफ्टवेयर निर्यात में यूपी ने नया रिकॉर्ड बनाया है

इससे प्रदेश ने राष्ट्रीय और वैश्विक आईटी मानचित्र पर अपनी जगह मजबूत की है।

2030 तक UP का रोडमैप

योगी सरकार का लक्ष्य है कि 2030 तक यूपी को टेक्नोलॉजी का बड़ा हब बनाया जाए।

  • लखनऊ और कानपुर में AI सिटी विकसित होगी
  • NCR, लखनऊ और नोएडा को ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर (GCC) हब बनाया जाएगा
  • हर मंडल में इन्क्यूबेटर स्थापित होंगे
  • साल 2030 तक कम से कम 20 यूनिकॉर्न स्टार्टअप तैयार करने का टारगेट
  • ISRO के सहयोग से सैटेलाइट लॉन्चिंग होगी, जिससे आपदा प्रबंधन और मौसम पूर्वानुमान में मदद मिलेगी
  • सॉफ्टवेयर एक्सपोर्ट को 5 गुना बढ़ाने पर काम होगा

2047 तक का दीर्घकालिक विजन

  • मध्य और दीर्घ अवधि में 2047 तक सरकार का लक्ष्य है कि:
  • यूपी को AI, क्वांटम कंप्यूटिंग और ब्लॉकचेन का वैश्विक लीडर बनाया जाए
  • राज्य को विश्वस्तरीय टेक्नोलॉजी कॉरिडोर के रूप में स्थापित किया जाए
  • 15 से 20 डेकाकॉर्न स्टार्टअप तैयार हों
  • यूपी भारत के आईटी निर्यात में सबसे बड़ा योगदान देने वाला राज्य बने

चार प्रमुख रणनीतिक स्तंभ

सरकार की रणनीति चार स्तंभों पर आधारित है: AI सिटी, ग्रीन आईटी और सस्टेनेबल टेक, ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर (GCC), स्पेस टेक्नोलॉजी।

इनके तहत मुख्य फोकस क्षेत्रों में शामिल हैं:

  • AI और डीप-टेक इनोवेशन
  • डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर का विस्तार टियर-2 और 3 शहरों तक
  • सैटेलाइट इकोसिस्टम
  • ग्लोबल स्टार्टअप कनेक्ट
  • साइबर सिक्योरिटी और डाटा प्रोटेक्शन
  • यूनिवर्सिटी स्टार्टअप इनोवेशन फंड
  • रिसर्च हब

UP बनेगा स्किल कैपिटल

सीएम योगी ने IT विजन को आगे बढ़ाने के लिए स्किल डेवलपमेंट को केंद्र में रखा है। लक्ष्य है कि प्रदेश के 100% युवाओं को इंडस्ट्री-बेस्ड स्किल्स दी जाएं, 4 करोड़ से अधिक ग्लोबल स्किल्ड वर्कफोर्स तैयार की जाएगी। 5 शैक्षणिक संस्थानों को दुनिया के 200 सर्वश्रेष्ठ संस्थानों में शामिल करने की योजना है। इंडस्ट्री 4.0 के अनुरूप युवाओं को तैयार किया जाएगा। विश्वस्तरीय यूनिवर्सिटीज और R&D सेंटर स्थापित होंगे।

6 ट्रिलियन डॉलर इकॉनमी का लक्ष्य

योगी सरकार का बड़ा संकल्प है कि 2047 तक यूपी की अर्थव्यवस्था 6 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचे। यह भारत की अनुमानित जीडीपी का 20% होगा। इसके लिए 2025-26 से 2047-48 तक 16% CAGR (कम्पाउंड एनुअल ग्रोथ रेट) बनाए रखना होगा। मौजूदा वित्तीय वर्ष में 353 बिलियन डॉलर इकॉनमी का लक्ष्य रखा गया है। साल 2030 तक राज्य की इकॉनमी को 1 ट्रिलियन डॉलर, 2036 तक 2 ट्रिलियन डॉलर और 2047 तक 6 ट्रिलियन डॉलर पहुंचाने का प्लान है। 2047 तक उत्तर प्रदेश की प्रति व्यक्ति इनकम 26 लाख रुपये तक पहुंचाने का टारगेट है।

डिजिटल पावरहाउस बनेगा यूपी

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का विजन साफ है—आईटी और स्किल डेवलपमेंट की ताकत से यूपी को न सिर्फ भारत का डिजिटल पावरहाउस बनाया जाएगा, बल्कि वैश्विक स्तर पर एक टेक्नोलॉजी डेस्टिनेशन के रूप में पहचान दिलाई जाएगी। यह पहल युवाओं को बड़े पैमाने पर रोजगार उपलब्ध कराएगी और उत्तर प्रदेश को विश्व मानचित्र पर नई पहचान दिलाएगी।