उत्तर प्रदेश में कोडीन युक्त कफ सिरप तस्करी सिंडिकेट का बड़ा खुलासा हुआ है. यूपी एसटीएफ ने बर्खास्त सिपाही आलोक सिंह को गिरफ्तार किया, जबकि किंगपिन शुभम जायसवाल दुबई से पूरा अवैध कारोबार चला रहा था. जांच में करोड़ों की अवैध सप्लाई चेन सामने आई.

उत्तर प्रदेश की जमीन पर नशे का ऐसा नेटवर्क खड़ा हो चुका था, जिसकी जड़ें राज्य की सीमाओं से निकलकर पड़ोसी देशों तक फैल चुकी थीं. कोडीन युक्त कफ सिरप के नाम पर चल रहा यह अवैध कारोबार चुपचाप करोड़ों की कमाई कर रहा था. लेकिन उसी अंधेरे नेटवर्क में छिपा एक नाम, बर्खास्त सिपाही आलोक सिंह, पिछले कई दिनों से यूपी एसटीएफ के निशाने पर था. सरेंडर करने की कोशिश में जुटा आलोक, उससे पहले ही एसटीएफ के हत्थे चढ़ गया.

बर्खास्त सिपाही आलोक सिंह गिरफ्तार

यूपी एसटीएफ काफी समय से आलोक सिंह की तलाश कर रही थी, जिसे भगौड़ा घोषित किया जा चुका था. कफ सिरप तस्करी सिंडिकेट में उसकी सक्रिय भूमिका सामने आने के बाद जांच तेज की गई. आरोप है कि आलोक सिंह कोडीन-बेस्ड कफ सिरप की एक बड़ी गैर-कानूनी सप्लाई चेन और होलसेल ड्रग यूनिट चलाता था.

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बांग्लादेश तक फैला अवैध कारोबार

एसटीएफ की जांच में खुलासा हुआ कि यह नेटवर्क केवल यूपी तक सीमित नहीं था.

  • यूपी, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल तक सप्लाई चेन
  • नेपाल और बांग्लादेश तक नियमित खेप भेजी जाती थी
  • कोडीन सिरप की आड़ में नशे का संगठित कारोबार

देश के कई राज्यों में कफ सिरप के नाम पर करोड़ों की कमाई हो रही थी और यह कारोबारी चैन वर्षों से एक्टिव थी.

अमित सिंह टाटा की गिरफ्तारी से खुला बड़ा राज

कुछ दिन पहले एसटीएफ ने इस सिंडिकेट के एक और आरोपी अमित सिंह टाटा को गिरफ्तार किया था. पूछताछ में उसने कई चौंकाने वाले तथ्य बताए-

वह और उसका साथी शुभम जायसवाल हर साल दुबई और पटाया की यात्राएं करते थे

  • करोड़ों का लेन-देन हवाला के जरिए होता था
  • 5 लाख निवेश कर 30 लाख तक की कमाई
  • सोशल मीडिया पर दोनों की दुबई ट्रिप की तस्वीरें वायरल

दुबई से धंधा हैंडल कर रहा किंगपिन शुभम जायसवाल

एसटीएफ जांच में पता चला कि झारखंड की ‘देव कृपा मेडिकल एजेंसी’ और वाराणसी की ‘श्री मेडिकल एजेंसी’ भले ही अमित टाटा के नाम थीं, लेकिन पूरा कंट्रोल शुभम जायसवाल के पास था.

  • बांग्लादेश तक कोडीन मिक्स सिरप की खेप भेजी जाती थी
  • शुभम दुबई भाग चुका है और वहीं से पूरा नेटवर्क चला रहा था
  • अवैध कमाई से अमित टाटा पंचायत चुनाव में ब्लॉक प्रमुख बनने की तैयारी कर रहा था

कोविड के समय शुरू हुआ अवैध साम्राज्य

जांच में यह भी सामने आया-

  • शुभम जायसवाल ने कोविड काल में दवाइयों का काम शुरू किया
  • शराबबंदी के कारण बिहार में नशे की वस्तुओं की मांग बढ़ी
  • इसी मांग के चलते कफ सिरप तस्करी का नेटवर्क UP–Bihar–Jharkhand तक फैल गया
  • तस्कर फर्जी मेडिकल स्टोर और रद्द लाइसेंस वाले दुकानों के नाम पर सप्लाई दिखाते थे

फिलहाल जांच जारी, नेटवर्क के और खुलासों की उम्मीद

एसटीएफ अब गिरफ्त में आए आरोपियों से पूछताछ कर रही है. किंगपिन शुभम जायसवाल की गिरफ्तारी बड़ी चुनौती बनी हुई है. इस पूरे सिंडिकेट की कई और परतें अभी खुलना बाकी हैं.

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