वाराणसी में देश की पहली हाइड्रोजन वाटर टैक्सी शुरू हुई। यह गंगा में प्रदूषण मुक्त परिवहन के लिए नमो घाट से रविदास घाट तक चलेगी। 50 यात्रियों की क्षमता वाली यह स्वदेशी टैक्सी कोच्चि शिपयार्ड में बनी है।

काशी में हाइड्रोजन से चलने वाली पहली वाटर टैक्सी का हुआ उद्घाटन, प्रदूषण से मिलेगी राहत प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में देश की पहली हाइड्रोजन से चलने वाली वाटर टैक्सी का उद्घाटन नमो घाट पर केंद्रीय जल परिवहन मंत्री सर्वानंद सोनोवाल ने किया। जिसका उद्देश्य स्वच्छ गंगा और पर्यावरण के साथ साथ शांत और सुंदर माहौल में काशी के घाटों का अवलोकन किया जा सकें।

सुबह 10 से रात 8 बजे तक चलेगी यह टैक्सी

वाटर टैक्सी का संचालन शिपिंग कारपोरेशन ऑफ़ इंडिया द्वारा किया जाएगा। जो सुबह दस बजे से रात आठ बजे तक नमो घाट से रविदास घाट के बीच चलेगा। इस हाइड्रोजन वाटर टैक्सी में 50 लोगों के बैठने की क्षमता है।

कोच्चि शिपयार्ड में बनी यह कमाल की टैक्सी

ये पूर्णतया स्वदेशी तकनीकी से इसका निर्माण हुआ है। इस वाटर टैक्सी का निर्माण कोच्चि शिपयार्ड में हुआ है। इसके निर्माण पर दस करोड़ का खर्च आया है। देश के पहले हाइड्रोजन वाटर टैक्सी चलने से गंगा में प्रदूषण मुक्त परिवहन सेवा के रूप में भी देखा जा रहा है । इस वाटर टैक्सी के फ्यूल के रूप में हाइड्रोजन की आपूर्ति के लिए नमो घाट और अस्सी घाट पर दो हाइड्रोजन पंपिंग स्टेशन बनाए गए हैं।

बेंगलुरु की कंपनी करेगी इसका संचालन

हाइड्रोजन पंपिंग स्टेशन का संचालन बेंगलुरु की कंपनी न्यू इंडिया हाइड्रोजन करेगी। किराए का निर्धारण फिलहाल नही हुआ है लेकिन बताया जा रहा है कि नमो घाट से अस्सी घाट के बीच प्रति व्यक्ति 500/- रुपया किराया निर्धारित किया गया है। इसे आगे चलकर इसे कैथी स्थित मार्कण्डेय महादेव तक चलाया जाएगा. काशी से अयोध्या के बीच इस वाटर टैक्सी के संचालन को लेकर भी बात हो रही है.