अवैध कफ सिरप मामले में फरार किंगपिन शुभम जायसवाल और उसके करीबी महेश सिंह पर 25000 का इनाम घोषित। वाराणसी पुलिस ने 2 करोड़ का सिरप बरामद किया था। SIT और STF टीमें इनकी तलाश में जुटी हैं।
वाराणसी : एमपी के छिंदवाड़ा में 11 बच्चों की मौत के बाद कोडीन युक्त कफ सिरप पर लगातार पुलिस द्वारा कार्रवाई की जा रही है। वाराणसी सहित उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों में छापामारी एवं गिरफ्तारी का दौर चल रहा है। कफ सिरप किगपिंग शुभम जायसवाल फरार चल रहा है। रोहनिया क्षेत्र में जिम के नीचे गोदाम से दो करोड़ के कफ सिरप बरामद किया। जिसका मालिक शुभम जायसवाल के करीबी महेश कुमार सिंह बताई जा रहे हैं पुलिस की छापेमारी पर शुभम जायसवाल फरार है। पुलिस ने इन दोनों पर ₹25-25 हजार रुपए का इनाम घोषित किया है।
गोदाम से जब्त किए थे 2 करोड़ से ज्यादा के कफ सिरप
कोडीन युक्त कफ सिरप के अवैध कार्य के सरगना और शैली ट्रेडर्स शुभम जायसवाल के खिलाफ वाराणसी कमिश्नरेट पुलिस ने 25000 के नाम घोषित किया है। कफ सिरप का अवैध धंधा करने वाला आदमपुर थाना क्षेत्र प्रह्लादघाट के निवासी शुभम की गिरफ्तारी को लेकर वाराणसी पुलिस की SIT, UPSTF और एंटी नारकोटिक्स की टीम दबिश दे रही है। इसके अलावा बीते दिनों रोहनिया थाना क्षेत्र के एक मकान से 2 करोड़ से ज्यादा का अवैध कफ सिरप बरामद हुआ था! उसके मकान मालिक महेश कुमार सिंह पूरी 25000 के नाम घोषित किया गया है।
यूपी के 5 जिलों में आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज
डीसीपी काशी जोन गौरव वंशवाल ने बताया कि शुभम के खिलाफ वाराणसी, सोनभद्र, जौनपुर, चंदौली के अलावा गाजियाबाद में प्राथमिक़ी दर्ज है। शुभम को दुबई, कोलकाता, दिल्ली, झारखंड,उत्तराखंड में ठिकाना बनाने की चर्चा के सवाल पर कहा है कि इसकी जांच की जा रही है।
कौन है शुभम जायसवाल…जिसको लेकर झारखंड तक हड़कंप
झारखंड के रांची में शैली ट्रेडर्स के प्रोपराइटर भोला प्रसाद और शुभम जायसवाल समेत 38 फार्मो के खिलाफ कोतवाली थाने में एनडीपीएस धोखाधड़ी समेत अन्य आरोपों में प्राथमिक की दर्ज है। शुभम के पार्टनर जौनपुर निवासी अमित सिंह टाटा और आलोक प्रताप सिंह को यूपी एसटीएफ ने पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है। कमिश्नरेट की एसआईटी ने जांच क्रम में निजी बैंकों के छह प्रबंधकों और चार्टर्ड अकाउंटेंट से पूछताछ की है। शुभम के बैंक खातों के निगरानी करने वाले बैंकों से भी लंबी पूछताछ हुई है। अन्य आरोपियों के विभिन्न फॉर्म और उससे जुड़े बैंक के ट्रांजैक्शन का ब्योरा लिया गया है! जांच के अंत में बैंकों के कुछ अधिकारियों पर भी कार्रवाई की तलवार लटक सकती है!


