सीएम योगी ने ‘गोमती पुनर्जीवन मिशन’ की घोषणा की। पीलीभीत से गाजीपुर तक गोमती होगी अविरल-निर्मल। नालों का अवरोधन, घाट सौंदर्यीकरण, वेटलैंड विकास और प्लास्टिक पर सख्ती से नदी को मिलेगी नई जीवनधारा।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश की जीवनरेखा कहे जाने वाली गोमती नदी को स्वच्छ, अविरल और निर्मल बनाने के लिए एक ऐतिहासिक कदम उठाया है। “गोमती केवल नदी नहीं, बल्कि हमारी सांस्कृतिक चेतना और जीवनधारा की प्रतीक है,” मुख्यमंत्री ने कहा। इसी भावना को साकार करने के लिए उन्होंने ‘गोमती पुनर्जीवन मिशन’ की घोषणा की, जो आस्था, पर्यावरण और विकास के संगम का प्रतीक बनेगा।
गोमती पुनर्जीवन मिशन: आस्था, पर्यावरण और विज्ञान का अद्भुत संगम
मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में गोमती टास्क फोर्स के साथ मिशन की विस्तृत कार्ययोजना पर गहन चर्चा हुई। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि “गोमती में सीवरेज की एक भी बूंद नहीं जानी चाहिए।” इसके लिए अल्पकालिक और दीर्घकालिक रणनीतियाँ तैयार की जा रही हैं।
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इस मिशन के तहत तीन बड़े उद्देश्य तय किए गए हैं:
- सीवेज अवरोधन और प्रदूषण में कमी
- तटीय पारिस्थितिकी का पुनरुद्धार
- नदी के सामाजिक और सांस्कृतिक पुनर्जीवन को बढ़ावा
नदी किनारे के अतिक्रमण हटेंगे, पहचानेंगे अवैध बस्तियों में घुसपैठिए
सीएम योगी ने सख्त निर्देश जारी करते हुए कहा कि गोमती के तट पर बनी अवैध बस्तियों की पहचान कर घुसपैठियों पर कार्रवाई की जाए। उन्होंने साफ कहा कि नदी की स्वच्छता और सुरक्षा शासन की सर्वोच्च प्राथमिकता है।
नालों की दिशा मोड़ने और नए एसटीपी लगाने की तैयारी
बैठक में बताया गया कि गोमती में गिरने वाले 39 नालों में से 13 अब भी बिना उपचारित हैं। वर्तमान में 6 एसटीपी 605 एमएलडी की क्षमता के साथ कार्यरत हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि नालों को एसटीपी तक मोड़ा जाए, नए संयंत्र लगाए जाएं, और पुराने संयंत्रों का उन्नयन शीघ्र शुरू किया जाए। साथ ही, इकाना और साजन झील को वेटलैंड के रूप में विकसित किया जाएगा, जबकि घाटों के सौंदर्यीकरण और हरियाली अभियान से गोमती का जैविक पुनर्जीवन तेज़ होगा।
एकता और सहभागिता से साकार होगा मिशन
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह केवल सरकारी पहल नहीं बल्कि जनभागीदारी से चलने वाला जनांदोलन होगा। भूतपूर्व सैनिक, वैज्ञानिक, विशेषज्ञ और विभिन्न सरकारी विभाग मिलकर इस मिशन को गति देंगे। लखनऊ में मंडलायुक्त को नोडल समन्वयक की जिम्मेदारी सौंपी गई है। राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन के तहत गठित गोमती टास्क फोर्स में शासन के वरिष्ठ अधिकारी, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, जल निगम, नगर निगम, और पर्यावरण विशेषज्ञ शामिल हैं। इसमें बीबीएयू के प्रो. (डॉ.) वेंकटेश दत्ता और अतुल्य गंगा ट्रस्ट के ले. कर्नल देवेंद्र चौधरी (सेवानिवृत्त) भी प्रमुख सदस्य हैं।
जनजागरूकता और योग कार्यक्रमों से मिलेगी नई गति
टास्क फोर्स द्वारा अब तक 1,000 टन से अधिक जलकुंभी साफ की जा चुकी है और 70,000 से ज्यादा लोगों को नदियों की स्वच्छता से जोड़ा गया है। ‘नदी योग अभियान’ के दौरान 50,000 से अधिक नागरिक रोज सुबह घाटों पर आए, योग किया, जनसंवाद और सफाई अभियान में शामिल हुए।
प्लास्टिक पर सख्त कार्रवाई और संसाधनों की कोई कमी नहीं
मुख्यमंत्री योगी ने निर्देश दिए कि सिंगल यूज़ प्लास्टिक पर पूर्ण प्रतिबंध सुनिश्चित किया जाए, क्योंकि यह सीवर सिस्टम को चोक करने का मुख्य कारण है। उन्होंने कहा कि सरकार ट्रैक बोट, फ्लोटिंग बैरियर, एक्सकेवेटर और सफाई उपकरणों की पूरी व्यवस्था करेगी ताकि जल और किनारे दोनों स्वच्छ रहें।
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