Gorakhpur Panipat Highway DPR: एनएचएआई ने बिजनौर में गोरखपुर-शामली-पानीपत एक्सप्रेसवे की डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट पर काम तेज कर दिया है। प्रस्तावित रूट 131 गांवों से होकर गुजरेगा, जिससे जिले की कनेक्टिविटी और उद्योग-व्यापार को नया आयाम मिलेगा।
Gorakhpur Shamli Panipat Expressway: क्या आपने कभी सोचा है कि बिजनौर जैसे ज़िले से गुजरने वाला एक्सप्रेसवे यहां के गांवों, व्यापार और रोज़गार की दिशा बदल सकता है? गोरखपुर-शामली-पानीपत एक्सप्रेसवे अब बिजनौर में भी प्रवेश करने जा रहा है और इसके साथ ही विकास की नई संभावनाएं भी दस्तक देने लगी हैं।
बिजनौर से होकर गुजरेगा नया रूट
एनएचएआई (NHAI) ने एक्सप्रेसवे के लिए डीपीआर तैयार करने की प्रक्रिया तेज कर दी है। प्रारंभिक अनुमान के मुताबिक यह एक्सप्रेसवे बिजनौर जिले के करीब 131 गांवों से होकर गुजरेगा। प्रशासन ने संबंधित गांवों के भू-राजस्व मानचित्र भी मांगे हैं।
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बालावाली से स्योहारा तक नया खाका
सूत्रों के अनुसार एक्सप्रेसवे बिजनौर में बालावाली के पास से प्रवेश करेगा और स्योहारा होते हुए जिले से बाहर निकलेगा। इस दौरान किन-किन स्थानों पर पुल, ओवरब्रिज और फ्लाईओवर बनाए जाएंगे, इसका ब्योरा डीपीआर में जोड़ा जाएगा। वर्तमान में दो से अधिक एलाइमेंट विकल्पों पर विचार हो रहा है ताकि ट्रैफिक दबाव, आबादी और उद्योग को देखते हुए सबसे उपयुक्त मार्ग तय हो सके।
चांदपुर बायपास का पुराना प्रस्ताव
पहले चांदपुर बायपास से होकर एक्सप्रेसवे निकलने की बात सामने आई थी। तत्कालीन जिलाधिकारी अंकित अग्रवाल ने उस समय सुझाव दिया था कि चांदपुर क्षेत्र को इंडस्ट्रियल हब के रूप में विकसित किया जाए ताकि एक्सप्रेसवे से स्थानीय उद्योग और रोज़गार को सीधा लाभ मिल सके। अब नया प्रस्ताव बालावाली से स्योहारा-जसपुर मार्ग तक केंद्रित है।
ग्रामीणों को मिलेगी बड़े शहरों तक पहुंच
एक्सप्रेसवे के बनने के बाद बिजनौर से गोरखपुर, शामली और पानीपत जैसे बड़े शहरों की दूरी काफी कम हो जाएगी। तेज और सुगम यात्रा के साथ ही कृषि उत्पादों को नए बाज़ार और व्यापार को नई उड़ान मिलेगी। हालांकि, 131 गांवों से गुजरने के कारण भूमि अधिग्रहण और पुनर्वास की चुनौतियां भी सामने आएंगी।
किसानों की राय भी होगी शामिल
एनएचएआई अधिकारियों ने बताया कि एलाइमेंट सर्वे पूरी सावधानी से किया जा रहा है। डीपीआर तैयार होने के बाद शासन को सौंपी जाएगी और भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू होगी। इस दौरान किसानों और ग्रामीणों की राय को भी महत्व दिया जाएगा ताकि विकास और हितों का संतुलन बना रहे।
विशेषज्ञ मानते हैं कि यह एक्सप्रेसवे बिजनौर की सूरत बदल सकता है। यह न केवल तेज रफ्तार कनेक्टिविटी देगा बल्कि उद्योग और रोजगार के नए रास्ते भी खोलेगा। ग्रामीण इलाकों को बड़े शहरों से जोड़ने वाली यह परियोजना बिजनौर के लिए विकास का नया अध्याय साबित हो सकती है।
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