इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले पर समाजवादी पार्टी के सांसद डॉ. एसटी हसन ने कहा "जब अदालत ने फैसला दिया है तो हम उसका पालन करेंगे। सभी लोग इसे मानेंगे। सर्वे होगा। बस उस संरचना को कोई नुकसान नहीं पहुंचे हम तो यही चाहते हैं।"
वाराणसी। ज्ञानवापी मस्जिद का वैज्ञानिक सर्वे भारतीय पुरातत्व (एएसआई) सर्वेक्षण द्वारा किया जाएगा। इलाहाबा हाईकोर्ट ने यह फैसला सुनाया है। हिंदू पक्ष की याचिका पर वाराणसी कोर्ट ने सर्वे कराने का आदेश दिया था। सर्वे शुरू हुआ तो मुस्लिम पक्ष ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। सुप्रीम कोर्ट ने सर्वे पर रोक लगाते हुए मामले को हाईकोर्ट भेज दिया था। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 27 जुलाई को एएसआई सर्वेक्षण के खिलाफ याचिका पर अपना फैसला 3 अगस्त तक सुरक्षित रख लिया था।
इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले पर समाजवादी पार्टी के सांसद डॉ. एसटी हसन ने कहा "जब अदालत ने फैसला दिया है तो हम उसका पालन करेंगे। सभी लोग इसे मानेंगे। सर्वे होगा। बस उस संरचना को कोई नुकसान नहीं पहुंचे हम तो यही चाहते हैं।"
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 27 जुलाई को एएसआई सर्वे के खिलाफ याचिका पर अपना फैसला 3 अगस्त तक सुरक्षित रख लिया था। 21 जुलाई को वाराणसी कोर्ट ने एएसआई को सर्वे का निर्देश दिया था। कोर्ट ने कहा था कि जरूरत पड़ने पर खुदाई की जा सकती है। सर्वे वजूखाना और उसमें मिले शिवलिंग का नहीं होगा। इसपर सुप्रीम कोर्ट द्वारा पहले रोक लगाई गई थी।
वाराणसी कोर्ट के आदेश पर ASI ने 24 जुलाई को सर्वे शुरू किया था, लेकिन मुस्लिम पक्ष उसी दिन सुप्रीम कोर्ट चला गया। कोर्ट ने सर्वे पर अस्थायी रोक लगाते हुए मामले को इलाहाबाद हाईकोर्ट भेज दिया था। मस्जिद समिति के वकील ने आशंका व्यक्त की थी कि सर्वे और खुदाई से संरचना को नुकसान होगा। केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट को आश्वासन दिया है कि सर्वे से किसी भी तरह से संरचना में बदलाव नहीं होगा।
यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले का स्वागत किया है। उन्होंने कहा, "मैं कोर्ट के फैसले का हृदय से स्वागत करता हूं। मुझे पूरा विश्वास है कि सर्वे के माध्यम से सच्चाई बाहर आएगी। श्री राम जन्म भूमि की तरह ज्ञाणवापी विवाद का भी हल होगा। शिव भक्तों की जो मनोकामना है वह पूरी होगी।"
विष्णु जैन ने कहा, "आज हाईकोर्ट ने अंजुमन इस्लामिया की याचिका को खारिज कर दिया है। कोर्ट ने यह कह दिया है कि आर्कियोलॉजिकल सर्वेक्षण ऑफ इंडिया (Archaeological Survey of India) द्वारा सर्वे होना चाहिए। जिला कोर्ट का फैसला तत्काल प्रभाव से प्रभावी हो चुका है। कोर्ट ने हमारी दलीलों को माना है। हमारे कहा है कि वैज्ञानिक तरीके से सर्वे होगा। ASI ने शपथपत्र दिया था। कोर्ट ने कहा कि ASI के शपथपत्र पर भरोसा नहीं करने का कोई मतलब नहीं है। मुझे लगता है कि सर्वे शुरू होना चाहिए। सच या झूठ जो भी है वह कोर्ट के सामने आना चाहिए।"
हिंदू पक्ष के वकील विष्णु जैन ने कहा कि हाईकोर्ट ने मुस्लिम पक्ष की दलीलों को अस्वीकार्य कर दिया है। हाईकोर्ट ने वाराणसी कोर्ट के फैसले को माना है। हाईकोर्ट में ASI ने कहा था कि सर्वे से ज्ञानवापी मस्जिद को कोई नुकसान नहीं होगा। खुदाई नहीं की जाएगा। अगर खुदाई की जरूरत होगी तो हाईकोर्ट से इसके लिए आदेश लिया जाएगा। हाईकोर्ट ने ASI की बातों पर यकीन किया है।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मुस्लिम पक्ष द्वारा लगाई गई याचिका को खारिज कर दिया है। हाईकोर्ट ने लोअर कोर्ट के आदेश को लागू करने का फैसला किया है। आज से सर्वे को लेकर वाराणसी कोर्ट का फैसला लागू हो गया है। अब किसी भी समय सर्वे शुरू किया जा सकता है।