सार
यूपी के जुड़वा भाइयों ने जेईई मेन एग्जाम में टॉप रैंक हासिल की है। उन्होंने बताया कि 10वीं के बाद से ही उन्होंने तैयारी शुरू कर दी थी। आपस में हेल्दी कॉम्पटीशन बनाए रखने के साथ ही उन्होंने एक दूसरे का साथ भी दिया।
हापुड़: यूपी के जुड़वा भाइयों के कारनामे की हर ओर तारीफ हो रही है। हापुड़ के रहने वाले निपुण गोयल और निपुंज गोयल ने एक साथ जेईई मेन एग्जाम 2023 में टॉप रैंक हासिल की है। इन दोनों भाइयों ने मीडिया से बातचीत में जेईई मेन टॉपर बनने के सीक्रेट को बताया और अपने आगे के प्लान को भी शेयर किया।
ऑफलाइन क्लास से हुई काफी मदद
जेईई मेन 2013 के सेशन 1 रिजल्ट में यूपी के निपुण गोयल को 100 परसेंटाइल मार्क्स हासिल हुए हैं। वहीं उनके जुड़वा भाई ने इस एग्जाम में परचम फहराया और उसे 99.99 परसेंटाइल मिले हैं। दोनों ने अपने इस रिजल्ट के बाद कामयाबी के सफर को लेकर जानकारी दी। उन्होंने अपने संघर्षों के साथ ही जेईई मेन एक्जाम के लिए टिप्स भी साझा किए। उनके द्वारा बताया गया कि जेईई मेन 2023 की तैयारी उन्होंने तब ही शुरू कर दी थी जब वह 10वीं कक्षा में पढ़ रहे थे। उस दौरान कोविड का दौर था और क्लास ऑनलाइन ही चल रही थीं। काफी ट्रैवल टाइम की बचत होती थी। लेकिन ऑनलाइन क्लास की अपेक्षा ऑफलाइन क्लास ज्यादा बेहतर होती हैं। ऑफलाइन क्लास से ही काफी मदद हुई। जब क्लास में टीचर और दूसरे छात्र मौजूद होते हैं तो अनुशासन भी ज्यादा होता है और कई तरह के सवाल भी दिमाग में आते रहते हैं। लिहाजा वह दोनों भाई हालात सामान्य होते ही मेरठ के एक कोचिंग सेंटर में पढ़ने के लिए जाने लगे।
सप्ताह में 4 दिन तय करना होता था 70 किमी का सफर
निपुण और निकुंज ने बताया कि हापुड़ से मेरठ तक का सफर तकरीबन 35 किलोमीटर था। सप्ताह में 4 दिन 35 किलोमीटर जाना और पढ़ने के बाद 35 किलोमीटर वापस आना होता था। बीते दो सालों में दोनों भाइयों ने न सिर्फ एक दूसरे का साथ दिया बल्कि आपस में हेल्दी कंपटीशन भी बनाए रखा। इसी के चलते पूरी तैयारी एक शेड्यूल के अनुसार हुई। किसी भी टॉपिक पर यदि कोई फंस जाता तो दूसरा उसकी मदद करता। कई बार कुछ जगहों पर दोनों मिलकर सवालों के जवाब खोजते।
टॉपर्स ने दिए टिप्स
* ऑनलाइन की अपेक्षा ऑफलाइन क्लास पर ज्यादा फोकस करें।
* डेली जो क्लास में पढ़े उसे रिवाइज जरूर करें।
* नोट्स बनाए और सेल्फ स्टडी के लिए अपना समय जरूर निकालें।
* जेईई मेन पेपर की प्रैक्टिस खूब करें। इससे एग्जाम पैटर्न, सवालों का कॉन्सेप्ट समझने में काफी मदद मिलेगी।
* टेस्ट पेपर प्रैक्टिस से टाइम का मैनेजमेंट भी काफी बेहतर हो जाएगा।
आईआईटी के बाद शार्क टैंक में जाने का है मन
निपुण और निकुंज आईआईटी में दाखिला चाहते हैं। उनका सपना है कि आईआईटी दिल्ली या आईआईटी मुंबई में उन्हें दाखिला मिले। वह कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग करें और कोडिंग में अपना करियर बनाएं। वह दोनों एंटरप्रेन्योर बनकर एक दिन शार्क टैंक में जाएं। निपुण और निकुंज ने बताया कि वह शार्क टैंक के काफी फैन हैं। लेकिन जेईई परीक्षा में व्यस्त रहने के चलते उन्होंने शार्क टैंक का सीजन 2 नहीं देखा। वह दोनों ही भाई आशनीर ग्रोवर के फैन हैं।
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