सार
माफिया अतीक और अशरफ के शूटर को पहचानने में कासगंज पुलिस से इसलिए गलती हुई क्योंकि प्रयागराज से अधूरा इनपुट मिला था। जब दोबारा इनपुट मिला तो पुलिस आरोपी के घर पहुंची।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के जिले प्रयागराज में माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की गोली मारकर हत्या करने वाले तीन हमलावरों में से एक हमलावर अरुण राज्य के कासगंज जिले का निवासी है। उसका नाम सामने आने के बाद कासगंज पुलिस सक्रिय हो गई मगर जल्दबाजी की वजह से पुलिस रविवार की सुबह सोरों कोतवाली क्षेत्र के बघेला पुख्ता का निवासी अरुण मौर्य पुत्र हीरालाल के घर पहुंची तो हत्यारा गांव कादरवाड़ी का निकला। इस बात की भनक लगते ही उसका पूरा परिवार घर से फरार हो गया है।
अधूरा इनपुट मिलने की वजह से कन्फ्यूजन में थी पुलिस
माफिया के तीन हत्यारों में से एक शूटर अरुण मौर्य कौन है। इसको लेकर सोरोंजी थाना की पुलिस काफी कन्फ्यूजन में रहीं क्योंकि प्रयागराज से पहले अधूरा इनपुट मिला। इसके आधार पर शूटर अरुण मौर्य थाना सोरोंजी क्षेत्र का रहने वाला है और जब पुलिस ने इस व्यक्ति के नाम के बारे में जानकारी जुटाई तो पुलिस पहले बघेला के अरुण मौर्य के यहां पहुंच गई। यहां भी पुलिस ने जांच पड़ताल की। इसी बीच दूसरा इनपुट मिला तो पुलिस कादरवाड़ी के अरुण मौर्य के घर पहुंची। गांव में पहुंचने के बाद पुलिस ने ग्रामीणों से फोटो की पहचान कराई तो ग्रामीणों ने फोटो पहचान ली। इसके अलावा मजबूत कड़ी यह भी मिल गई कि उसके परिवार के लोग घटना की सूचना मिलते ही गायब हो गए।
पैतृक कब्रिस्तान में दोनों को किया जाएगा सुपुर्द-ए-खाक
इससे पहले पुलिस सनी नाम के दूसरे शूटर की भी तलाश कर रही थी और इस नाम के अपराधी प्रवृत्ति के कई लोगों के बारे में पुलिस ने पूछताछ की मगर सनी नाम का युवक घर पर ही मिल गया। आपको बता दें कि माफिया अतीक अहमद और उसका भाई अशरफ उर्फ खालिद अजीम को कसारी-मसारी में पैतृक कब्रिस्तान में आज शाम को सुपुर्द-ए-खाक किया जाएगा। अगल-बगल दोनों की कब्रें खोदी गई हैं। इससे पहले ही शनिवार की शाम को उमेश पाल हत्या के मामले में मुख्य अभियुक्त रहे अतीक अहमद के बेटे असद को दफनाया गया था। असद की अंतिम विदाई के कुछ देर बाद ही उसके पिता और चाचा की गोली मारकर हत्या कर दी गई। इसी पैतृक कब्रिस्तान में अतीक अहमद के पिता फिरोज अहमद और मां की भी कब्रें हैं।