संत समिति के स्वामी जितेन्द्रानंद ने इंडी गठबंधन की निंदा की है। यह निंदा मद्रास HC के जज के खिलाफ महाभियोग लाने पर की गई, जिन्होंने बंद मंदिरों में दीपोत्सव का आदेश दिया था। स्वामी ने इसे न्यायपालिका पर एक असंवैधानिक हमला बताया है।

मद्रास हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ महाभियोग लाने का आरोप लगाकर काशी के संत ने घोर निंदा की

वाराणसी: अखिल भारतीय संत समिति के राष्ट्रीय महासचिव स्वामी जितेन्द्रानंद सरस्वती ने इंडी गठबंधन को लेकर बड़ा बयान दिया है उन्होंने कहा कि मद्रास हाई कोर्ट के जस्टिस स्वामी नाथन द्वारा बंद पड़े मंदिरों के दीपोत्सव जारी करने के आदेश पर इंडी गठबंधन के सांसद गंभीर आरोप लगाया । उन्होंने कहा कि इंडी गठबंधन के सांसद ने इसके खिलाफ महाभियोग लाए है। यह एक तरफ से भारतीय न्याय पालिका ट्रेंड है। हिंदू सभ्यता, हिंदू संस्कृति, भारत के बहु संख्यक समाज के परम्परा एवं आदर्शों का तुम पालन करोगे तो हम तुमको न्याय पालिका में नहीं रहने देंगे ।

वित्त से लेकर चरित्र तक सभी जज पोषित

स्वामी जितेन्द्रानद्र सरस्वती ने आगे कहा कि यह हम मान ले की पीछे के दिनों में जो निर्णय हिंदुओं के खिलाफ आए । यह सारे जज वित्त से लेकर चरित्र तक पोषित यह सभी इंडी गठबंधन के जज थे। स्वामी ने आगे कहा कि 75 वर्षों तक हिंदू समाज को विभिन्न मोर्चों पर प्रताड़ित किया गया। न्याय पालिका की भूमिका संदिग्ध रही। भारत की सभ्यता एवं संस्कृति को भी तोड़ने का प्रयास किया गया। कई आदेशों के द्वारा क्या यह स्वीकार कर लेना चाहिए।

संत क्यों बोले- बेडरूम में जज बनाए

स्वामी जितेन्द्रानंद सरस्वती ने इंडी गठबंधन पर निशाना साधते हुए कहा कि जिन लोगों ने जज बेडरूम में बनाए। जिन लोगों ने जजों के द्वारा निर्णय करा कर राज्यपाल नियुक्त कराएं। इस प्रकार के जजों के विषय में भी सोचना चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर आप इस तरह के फैसले से संतुष्ट नहीं है तो सुप्रीम कोर्ट के दरवाजे खुले हुए हैं। इन लोगों ने यह रास्ता खोल दिया है कि अगर हम हाईकोर्ट के इस फैसले से असंतुष्ट है तो महाभियोग लायेंगे। उन्होंने आगे कहा कि यह निंदनीय है जो लोग संविधान की कॉपी लेकर हाथों में चलते थे उनके द्वारा घोर निंदनीय और गैर संवैधानिक है। अखिल भारतीय संत समिति इंडी गठबंधन के इन सांसदों की घोर निंदा करती है