लखनऊ में शुरू हुआ खादी महोत्सव 2025 उत्तर प्रदेश सरकार की बड़ी पहल है, जिसका उद्देश्य स्थानीय उद्योग, परंपरागत कला और स्वदेशी उत्पादों को बढ़ावा देना है। 160 से अधिक उद्यमी शामिल, रोजगार और स्वरोजगार को नई दिशा देने वाला बड़ा मंच।

परंपराओं की खुशबू जब नए अवसरों की हवा से मिलती है, तो विकास का एक नया अध्याय जन्म लेता है। इसी विचार को साकार करता है खादी महोत्सव 2025, जहां कला, कौशल और कारीगरी एक ही मंच पर प्रदेश की आर्थिक आत्मनिर्भरता की कहानी लिखते नजर आते हैं। लखनऊ स्थित केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, गोमती नगर में शुरू हुआ यह दस दिवसीय महोत्सव केवल एक प्रदर्शनी नहीं, बल्कि प्रदेश के स्थानीय उद्योगों को नए बाजार और नई पहचान दिलाने का बड़ा प्रयास है।

खादी महोत्सव का शुभारम्भ: स्वदेशी उद्योग और उद्यमिता को बढ़ावा देने का संकल्प

उत्तर प्रदेश सरकार लंबे समय से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने और स्थानीय उद्यमिता को सशक्त करने पर काम कर रही है। उसी श्रृंखला में 21 से 30 नवंबर तक आयोजित इस महोत्सव का उद्घाटन सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्री राकेश सचान ने किया। यह आयोजन प्रदेश में खादी आधारित उद्योग, परंपरागत कला और हस्तशिल्प को एक बड़े मंच पर लाकर हजारों उद्यमियों के लिए अवसरों के नए दरवाजे खोल रहा है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट, पीएम एफएमई, और नई उद्योग नीतियों ने हजारों युवाओं को रोजगार दिया है। खादी महोत्सव इन्हीं प्रयासों का प्रत्यक्ष चित्र है, जहां उद्यमियों को बाजार विस्तार, तकनीकी उन्नयन और व्यापारिक अवसर उपलब्ध कराए जा रहे हैं।

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स्थानीय उद्योगों को मजबूत आधार

खादी महोत्सव ग्रामीण अर्थव्यवस्था में नई ऊर्जा भरने का माध्यम बन गया है। स्वदेशी उत्पादों की बढ़ती मांग न केवल स्थानीय उद्योगों को मजबूत आधार दे रही है, बल्कि उद्यमियों की आर्थिक स्थिति को भी सुदृढ़ बना रही है। इस आयोजन का उद्देश्य परंपरागत कला और आधुनिक बाजार की जरूरतों के बीच एक मजबूत सेतु बनाना है।

160 से अधिक उद्यमी अपने उत्पादों के साथ शामिल

प्रदेश के विभिन्न जिलों से आए 160 से अधिक उद्यमी अपने विशिष्ट उत्पादों का प्रदर्शन कर रहे हैं। प्रदर्शनी में शामिल प्रमुख आकर्षण:

  • सहारनपुर का नक्काशीदार फर्नीचर
  • भदोही की प्रसिद्ध कालीन
  • अमरोहा के गमछे और सदरी
  • सीतापुर की दरी और तौलिये
  • वाराणसी की रेशमी साड़ियां
  • प्रतापगढ़ के आंवला उत्पाद
  • लखनऊ की रॉयल हनी मिट्टी कला
  • बीकानेरी पापड़
  • लेदर वस्त्र और अन्य स्वदेशी उत्पाद

यह विविधता प्रदेश की समृद्ध कारीगरी और परंपरागत कौशल को राष्ट्रीय मंच पर प्रस्तुत करती है।

रोजगार और स्वरोजगार को नई दिशा

महोत्सव के दौरान चयनित उद्यमियों और लाभार्थियों को सम्मानित किया जाएगा। राज्य स्तरीय उत्कृष्ट इकाइयों को पुरस्कार भी प्रदान किए जाएंगे। सरकार द्वारा दिए जाने वाले उपकरणों में शामिल हैं:

  • दोना मेकिंग मशीन
  • पॉपकॉर्न मशीन
  • हनी बॉक्स
  • विद्युत चालित चाक
  • पग मिल मशीन

ये मशीनें ग्रामीण क्षेत्रों में छोटे उद्योगों को बढ़ावा देंगी और युवाओं को स्वयं का व्यवसाय शुरू करने के लिए प्रेरित करेंगी। इससे स्थानीय स्तर पर रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे।

खादी महोत्सव 2025 केवल एक आयोजन नहीं, बल्कि उत्तर प्रदेश के ग्रामीण और स्थानीय उद्योगों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक ठोस कदम है। यह महोत्सव कारीगरों, उद्यमियों और बुनकरों को राष्ट्रीय पहचान देने के साथ-साथ प्रदेश की आर्थिक प्रगति का सशक्त आधार भी बन रहा है।

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