सार
लोकदल ही एक ऐसी पार्टी है। जिसके खाते में 1977 के लोकसभा चुनाव में यूपी की 100 फीसदी सीटें जीतने का कीर्तिमान दर्ज है।
लोकसभा चुनाव 2024: पीएम नरेंद्र मोदी 30 मार्च को मेरठ से चुनाव प्रचार अभियान का आगाज करेंगे। लोकदल (RLD) अध्यक्ष जयंत चौधरी के साथ संयुक्त रैली में शामिल होंगे। लोकदल के लिहाज से यह रैली महत्वपूर्ण भी है, क्योंकि दूसरे फेज के इलेक्शन में बागपत, मथुरा, मेरठ, बुलंदशहर, अमरोहा, गाजियाबाद, गौतमबुद्धनगर और अलीगढ़ लोकसभा सीटों पर मतदान होगा। जाट राजनीति के एपिसेंटर के रूप में पहचाने जाने वाला बागपत पूर्व पीएम चौधरी चरण सिंह (भारत रत्न) की कर्मभूमि भी रहा है। ऐसे में यह 8 सीटें बीजेपी-आरएलडी के चेहरों के लिए एक बड़े टेस्ट की तरह हैं। इसको लेकर पक्ष और विपक्ष के अपने अलग-अलग दावे हैं।
जाट लैंड की प्रभाव वाली सीटों पर एनडीए के प्रत्याशी
पीएम मोदी की रैली को लेकर लोकदल के नेता उत्साहित भी हैं। उनका मानना है कि पश्चिमी यूपी से एनडीए के पक्ष में उठी लहर एक ताकत बनेगी। हालांकि जाट लैंड की प्रभाव वाली सीटों पर बढ़त बनाने के लिए भगवा दल ने भी अपनी रणनीति बदली है। मेरठ—हापुड़ संसदीय सीट से सिटिंग एमपी राजेंद्र अग्रवाल की जगह रामायण सीरियल में भगवान राम की भूमिका निभाने वाले एक्टर अरूण गोविल को टिकट दिया। गाजियाबाद सीट से जनरल वीके सिंह की जगह स्थानीय एमएलए अतुल गर्ग को मौका दिया गया। हालांकि एनडीए ने गौतमबुद्धनगर से महेश शर्मा, अलीगढ़ से सतीश गौतम, बुलंदशहर से भोला सिंह और मथुरा संसदीय सीट से एक बार फिर हेमामालिनी को चुनाव में उतारा है।
1977 में लोकदल ने जीती थीं यूपी की सभी लोकसभा सीटें
वैसे देखा जाए तो लोकदल ही एक ऐसी पार्टी है। जिसके खाते में 1977 के लोकसभा चुनाव में यूपी की 100 फीसदी सीटें जीतने का कीर्तिमान दर्ज है। कांग्रेस और बीजेपी उस आंकड़े के आसपास पहुंचे तो पर लोकदल के कीर्तिमान को अब तक छू नहीं सके हैं।
आइए प्वांइट्स में जानते हैं पार्टियों का परफार्मेंस
- देश के पहले संसदीय चुनाव में कांग्रेस ने यूपी की 86 में से 81 सीटें हासिल की थीं।
- साल 1957 चुनाव में कांग्रेस ने 86 में से 70 सीटों पर कब्जा जमाया।
- 1962 चुनाव में कांग्रेस को 86 में से 62 सीटें मिलीं।
- 1967 चुनाव में भारतीय जनसंघ को 12 सीटें मिलीं।
- 1971 चुनाव में कांग्रेस ने फिर वापसी की। इस पार 85 में से 73 सीटों पर वापसी की।
- उसके बाद देश में इमरजेंसी घोषित हो गई। उसका असर कांग्रेस पर पड़ा।
- 1977 में विपक्ष एकजुट हुआ और लोकदल के चुनाव चिह्न पर इलेक्शन लड़ा।
- 1977 चुनाव में लोकदल ने कीर्तिमान रच दिया। 85 में से 85 सीटें जीती।
- इंदिरा गांधी की हत्या के बाद 1984 चुनाव में कांग्रेस को 85 में से 83 सीटें मिलीं। 85 सीटें पाने वाली लोकदल सिर्फ 2 सीटों तक सिमट कर रह गई।
- 2009 चुनाव में सपा 80 में से 23 सीटें पाई थी।
- 2014 चुनाव में बीजेपी को 80 लोकसभा सीटों में से 71 पर विजय मिली थी।
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