Charbagh To Vasantkunj Metro: लखनऊ मेट्रो की ब्लू लाइन कॉरिडोर परियोजना पर काम शुरू हो चुका है। यूपीएमआरसी ने ग्राउंड वर्क और टेंडर प्रक्रिया पूरी कर ली है। पांच साल में निर्माण पूरा होने पर करीब दस लाख लोगों को तेज और सुरक्षित सफर का लाभ मिलेगा।
Lucknow Metro Blue Line: लखनऊ वालों के लिए बड़ी खुशखबरी! राजधानी की सड़क जाम की समस्या अब और कम होने वाली है। चारबाग से वसंतकुंज तक मेट्रो के ईस्ट-वेस्ट कॉरिडोर (Blue Line) के निर्माण की तैयारी तेज हो गई है। यूपीएमआरसी (UPMRC) ने ग्राउंड वर्क पूरा कर लिया है और टेंडर प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी है। जानिए इस नए कॉरिडोर से आपको मिलने वाले बड़े फायदे।
ब्लू लाइन मेट्रो कॉरिडोर से दस लाख लोग होंगे लाभान्वित
रिपोर्ट्स के अनुसार, इस प्रोजेक्ट के पूरा होने पर करीब 10 लाख यात्रियों को प्रतिदिन फायदा मिलेगा। खास बात यह है कि इस कॉरिडोर का निर्माण कार्य लगभग 5 साल में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। इससे पहले ही मेट्रो सेवा शुरू करने की भी योजना है।
UPMRC की टीम पिछले 7 महीनों से ईस्ट-वेस्ट कॉरिडोर पर काम कर रही है। इस दौरान पाइपलाइन, सॉइल टेस्टिंग और सभी बाधाओं की जांच पूरी हो चुकी है। पूरे रूट को चार हिस्सों में बांटकर ट्रैफिक फ्लो और बॉटल नेक पॉइंट चिह्नित कर लिए गए हैं ताकि यात्रियों को निर्माण के दौरान भी परेशानी न हो।
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हाईटेक मशीनों से होगा अंडरग्राउंड स्टेशन का निर्माण
UPMRC के एमडी ने मीडिया को बताया कि अंडरग्राउंड स्टेशन के लिए टनल बोरिंग मशीन (TBM) का इस्तेमाल किया जाएगा। इन मशीनों का वाइब्रेशन इतना कम होगा कि सड़क पर गुजरने वाले ट्रक से भी कम असर होगा। उन्होंने दावा किया कि इस प्रक्रिया से न तो मकानों को नुकसान होगा और न ही किसी तरह की दरारें पड़ेंगी। जरूरत पड़ने पर स्ट्रेंथनिंग तकनीक का इस्तेमाल भी किया जाएगा।
यात्रियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए स्टेशन के एंट्री और एग्जिट पॉइंट 150 मीटर की दूरी के भीतर ही बनाए जाएंगे। इससे यात्रियों को अतिरिक्त दूरी तय नहीं करनी पड़ेगी।
मेडिकल इमरजेंसी में भी काम आएगी ब्लू लाइन
मेट्रो के पीजीआई रूट बनने के बाद यह सुविधा मेडिकल इमरजेंसी के समय भी कारगर होगी। एयरपोर्ट से पुराने लखनऊ तक सीधी कनेक्टिविटी मिलने से केजीएमयू, पीजीआई और अन्य बड़े अस्पतालों तक मरीजों को तेजी से पहुंचाया जा सकेगा।
लखनऊ को चाहिए 100 से 125 किमी मेट्रो कनेक्टिविटी
शासन को भेजे गए कंप्रेस मोबिलिटी प्लान (CMP) के मुताबिक लखनऊ में फिलहाल 100 से 125 किमी तक मेट्रो कनेक्टिविटी की जरूरत है। इसी के तहत पहले चरण में 2-3 कॉरिडोर बनाने का प्रस्ताव रखा गया है।
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