सार

रायबरेली में एक युवक ने साँप को मार डाला, जिसके एक घंटे बाद ही उसकी भी मौत हो गई। क्या यह साँप का बदला था? यह घटना गाँव में सनसनी फैला गई है।

रायबरेली.  कुछ लोगों को साँप देखते ही मारने की आदत होती है। साँप भले ही कोई नुकसान न पहुँचाए, फिर भी उस पर क्रूरता दिखाई जाती है। इसी तरह डंडे से पीटकर और फिर पैर से कुचलकर एक युवक ने साँप को मार डाला, जिसके एक घंटे बाद ही तड़पकर उसकी मौत हो गई। यह घटना उत्तर प्रदेश के रायबरेली में हुई। युवक का परिवार गहरे सदमे में है और इस घटना ने पूरे गाँव को झकझोर कर रख दिया है। युवक को अस्पताल ले जाया गया, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। आखिर यह घटना कैसे घटी?

यह घटना रायबरेली जिले के एक गाँव में हुई। 32 वर्षीय गोविंद कश्यप और अतुल सिंह खेत में धान की कटाई के काम के लिए गए थे। अच्छी फसल देखकर उन्होंने धान काटना शुरू कर दिया। अतुल सिंह और गोविंद कश्यप दोनों काम में व्यस्त थे। दोपहर के समय कटाई करते हुए अतुल सिंह को एक साँप दिखाई दिया। धान के खेत में एक साँप कुंडली मारकर बैठा था। साँप को देखकर अतुल सिंह चिल्लाते हुए दूर भाग गए।

अतुल सिंह के चिल्लाने की आवाज सुनकर गोविंद कश्यप पास आए और उन्होंने साँप को देखा। साँप डर गया और तेजी से भागने की कोशिश की। तभी गोविंद कश्यप ने डंडे से साँप पर वार कर दिया। गंभीर रूप से घायल साँप फिर से भागने की कोशिश की, लेकिन नाकाम रहा। गोविंद कश्यप ने अपने जूते से साँप को कुचलकर मार डाला।

साँप को मारने के बाद खाने का समय हो गया था। इसलिए अतुल सिंह और गोविंद कश्यप खेत से घर की ओर चल दिए। मरे हुए साँप को खेत में ही छोड़कर दोनों चले गए। खाना खाने के बाद अतुल सिंह कुछ देर आराम करने चले गए। लेकिन गोविंद कश्यप जल्दी से धान की कटाई करने के लिए वापस खेत में आ गए। तब तक पास के खेत के मजदूर अपने घर चले गए थे। आस-पास के खेतों में भी कोई नहीं था। गोविंद कश्यप ने धान काटना शुरू कर दिया।

कटाई करते समय एक और साँप चुपके से आ गया। इस साँप ने गोविंद कश्यप को काट लिया। काटने के बाद साँप धान की कटाई के अंदर चला गया। साँप के काटते ही गोविंद कश्यप घबरा गए। वह तुरंत घर की ओर जाने लगे। लेकिन जहरीले साँप के काटने की वजह से गोविंद कश्यप घर नहीं पहुँच पाए। रास्ते में ही उनकी तबियत बिगड़ गई और वह गिर पड़े। उन्होंने मदद के लिए पुकारा, लेकिन कुछ ही देर में वह बेहोश हो गए।

दोपहर का खाना और आराम करने के बाद जब अतुल सिंह खेत में वापस लौटे, तो उन्होंने गोविंद कश्यप को रास्ते में गिरा हुआ पाया। उन्होंने तुरंत परिवार वालों को सूचित किया और गोविंद कश्यप को अस्पताल ले जाया गया। लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। परिवार वालों का रोना-पीटना मच गया। पास के खेत में काम करने वाले लोगों ने बताया कि मरे हुए साँप के पास एक और साँप काफी देर से घूम रहा था। इसलिए गाँव वाले कह रहे हैं कि दूसरे साँप ने बदला लिया है।