सार
उत्तरप्रदेश में एक चमत्कार जैसी घटना हो गई। एक महिला की इलाज के दौरान मौत हो गई थी। लेकिन घर ले जाते वक्त फिर से महिला जिंदा हो गई। 18 दिन जिंदा रहने के बाद फिर उसकी मौत हुई। तब जाकर अंतिम संस्कार किया गया।
हमीरपुर. उत्तरप्रदेश के हमीरपुर जिले की एक महिला कैंसर से पीड़ित थी। जिसका इलाज पंजाब के एक अस्पताल में चल रहा था। इलाज के दौरान महिला की मौत होने पर डॉक्टरों ने परिजनों को शव सौंप दिया। ऐसे में घरवाले उसे अंतिम संस्कार के लिए घर ले जाने लगे। लेकिन इसी बीच रास्ते में उसकी सांसे चलने लगी। जिससे घरवालों के खुशी का ठिकाना नहीं रहा। दु:ख की बात है कि इस घटना के 18 दिन बाद फिर महिला की मौत हो गई। तब जाकर उसका अंतिम संस्कार किया गया।
ये है पूरा मामला
यूपी के हमीरपुर जिले के राठ थाना क्षेत्र अंतर्गत आनेवाले ग्राम सदर के निवासी मातादीन रैकवार की पत्नी अनिता को ब्लड कैंसर की समस्या थी। इस कारण उसका पति महिला का इलाज पंजाब के जालंधर में करवाने के लिए गया। जहां इलाज के दौरान करीब 18 दिन पहले डॉक्टरों ने अनिता को मृत घोषित कर दिया। इसके बाद महिला का शव परिजनों को सौंप दिया।
33 साल की महिला हो गई जिंदा
महिला के शव को लेकर मातादीन घर लौट रहा था, ताकि गांव में पत्नी का अंतिम संस्कार किया जा सके। तभी रास्ते में महिला की सांसे चलने लगी। महिला की उम्र महज 33 साल थी उसके दो बच्चे भी हैं। जिसमें एक लड़का और एक लड़की है। महिला ने रास्ते में अपने पति से पानी मांगा तो पहले तो सब हैरान रह गए। लेकिन अपनी पत्नी को जिंदा देखकर पति सहित अन्य लोगों की खुशी का ठिकाना नहीं था। वे खुशी खुशी महिला को घर लेकर गए। जहां उसने भोजन पानी सब किया। इसके बाद महिला 18 दिन जिंदा भी रही। जिसके बाद बुधवार को महिला की फिर मौत हो गई और खुशी वाले घर में मातम पसर गया।
घर पर कर रहे थे देखभाल
अनिता के पति मातादीन ने बताया कि उसकी पत्नी रास्ते में जिंदा होने के बाद घर पर ही थी। उसका घर पर ही इलाज किया जा रहा था। लेकिन मंगलवार को फिर उसकी तबियत खराब होने लगी। ऐसे में बुधवार को सुबह उसने दम तोड़ दिया।
पत्नी की मौत के बाद फिर जिंदा होने का इंतजार
जिस प्रकार पहले महिला की मौत के बाद वह फिर जिंदा हो गई थी। इस कारण इस बार भी उसके पति को आस थी कि उसकी पत्नी जिंदा हो जाएगी। ऐसे में वह काफी देर तक महिला के शव के पास बैठा रहा। लेकिन इस बार उसकी पत्नी दम तोड़ चुकी थी। इस कारण उन्हें महिला का अंतिम संस्कार करना पड़ा।