Sujata Kushwaha Anganwadi Worker: चंदौली की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सुजाता कुशवाहा ने मिशन शक्ति के तहत कुपोषण से जूझ रहे बच्चे को सुपोषित बनाकर मिसाल पेश की। सीएम योगी के अभियान से महिलाएं सुरक्षा, सम्मान और स्वावलंबन की नई पहचान पा रही हैं।
उत्तर प्रदेश में महिलाओं की भूमिका सिर्फ घर की चारदीवारी तक सीमित नहीं रही। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मिशन शक्ति अभियान ने महिलाओं को सुरक्षा, सम्मान और स्वावलंबन का विश्वास दिलाया है। इसी की मिसाल बनी हैं चंदौली जिले के चहनिया ब्लॉक के रामगढ़ गांव की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सुझाता कुशवाहा, जिन्होंने अपने अथक परिश्रम और समर्पण से कुपोषण से जूझ रहे एक बच्चे का जीवन बदल दिया।
जब सुजाता दीदी ने खटखटाया दरवाजा
रामगढ़ गांव के हरिश्चंद्र पासवान का बेटा आदर्श गंभीर कुपोषण का शिकार था। न खेलने की ताकत, न आंखों में चमक। गरीब परिवार के पास पोषण और स्वच्छता की सही जानकारी नहीं थी। ऐसे में सुजाता कुशवाहा ने हार नहीं मानी। वे बार-बार उनके घर का दरवाजा खटखटातीं, मां-बाप को समझातीं कि समय के साथ बच्चा अपने आप ठीक नहीं होगा। सही आहार और देखभाल ही उसे स्वस्थ बना सकते हैं। यही दृढ़ता आखिरकार आदर्श की जिंदगी में रोशनी लेकर आई।
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निरंतर देखभाल और संवाद से मिली सफलता
सुझाता ने आदर्श को आंगनबाड़ी केंद्र पर लाकर वजन और लंबाई की जांच करवाई। VHND सत्र में ANM से स्वास्थ्य परीक्षण कराया और जरूरी दवाइयां उपलब्ध कराईं। उन्होंने परिवार को पूरक आहार के बारे में विस्तार से समझाया—क्या देना है, कितनी बार देना है। स्वच्छता और साफ पानी का महत्व भी समझाया। अपने संसाधनों से मूंगफली पाउडर देकर पोषण में सहयोग किया। लगातार फॉलो-अप और परामर्श के बाद नतीजा सामने आया—आदर्श का वजन और लंबाई बढ़ने लगे और आज वह अन्य बच्चों की तरह खेलता और मुस्कुराता है।
गांव में जागरूकता की नई शुरुआत
सिर्फ आदर्श ही नहीं, बल्कि पूरे गांव में सुझाता का यह प्रयास चर्चा का विषय बन गया। उन्होंने संदेश दिया कि महिलाएं यदि जागरूक हों तो कुपोषण जैसी गंभीर समस्या को भी जड़ से खत्म किया जा सकता है। सुजाता कुशवाहा कहती हैं, “कई बार लोग सुनते ही नहीं थे, लेकिन मैंने हार नहीं मानी। जब बच्चे खेलते और हंसते हैं, तो लगता है मेरी मेहनत सफल हुई।”
मिशन शक्ति से महिलाओं को मिल रहा नेतृत्व
योगी सरकार का मिशन शक्ति अभियान महिलाओं को केवल सुरक्षा और सम्मान ही नहीं दे रहा, बल्कि उन्हें बदलाव का नेतृत्व करने की ताकत भी दे रहा है। सुजाता कुशवाहा इसका जीवंत उदाहरण हैं। उन्होंने साबित किया कि जब एक महिला सशक्त होती है तो वह न सिर्फ परिवार बल्कि समाज और आने वाली पीढ़ी का भविष्य भी सुरक्षित बना सकती है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का महिला सशक्तीकरण का विज़न अब ज़मीनी हकीकत बन चुका है। मिशन शक्ति के तहत महिलाएं सिर्फ सहभागी नहीं, बल्कि बदलाव की धुरी बन रही हैं—सुरक्षा, सम्मान और स्वावलंबन के साथ समाज को नई दिशा दे रही हैं।
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