सार
गोरखनाथ मंदिर में पुलिसकर्मियों पर हमला करने वाले मुर्तजा ने सुरक्षा एजेंसियों को गुमराह करने का भरपूर प्रयास किया लेकिन वह कामयाब नहीं हुआ। जांच में कई चौंकाने वाले खुलासे सामने आए हैं।
गोरखपुर: गोरखनाथ मंदिर की सुरक्षा में लगे पीएसी के जवानों और सुरक्षाकर्मियों पर हमले के आरोपी मुर्तजा अब्बास ने जांच एजेंसियों को गुमराह करने का भरपूर प्रयास किया। हालांकि वह अपने खतरनाक मंसूबों को ज्यादा दिनों तक छिपा न सका। एटीएस और एनआईए के द्वारा साक्ष्यों के आधार पर आईएसआईएस से लेकर अन्य देश विरोधी ताकतों के उसके संबंधों को उजागर किया। यह तमाम चीजें ही उसके दोष सिद्धि का आधार बन सके।
गाड़ी से उतरकर योजनाबद्ध तरीके से किया हमला
पड़ताल में पता चला कि 2 अप्रैल 2022 की रात को घर से निकलने के बाद मुर्तजा सिद्धार्थनगर जिल के अलीगढ़वा भी गया था। बार्डर पार करके वह नेपाल के एक मदरसे में भी गया था। वहां से वह वापस आया तो अलीगढ़वा में दुकान से दो दाव भी खरीदे। इसके बाद 3 अप्रैल 2022 को शाम को वापस आते समय मंदिर के मुख्य प्रवेश द्वार से पहले ही वह गाड़ी से उतर गया। योजनाबद्ध तरीके से उसने मुख्य गेट पर पीएसी जवानों की एसएलआर राइफल छीनने का प्रयास किया। पुलिसकर्मी जब तक संभलते उससे पहले ही उसने कमर में लगा दाव निकालकर हमला कर दिया।
नेपाल बॉर्डर से सटे मदरसों में था आना-जाना
इस बीच शोर सुनकर अन्य पुलिसकर्मी भी दौड़े तो आरोपी ने उन्हें भी घायल कर दिया। इसके बाद धार्मिक नारा लगाते हुए वह मंदिर के गेट के अंदर घुस गया। पुलिस पड़ताल में सामने आया कि वह इंटरनेट पर जेहादी साहित्य भी पढ़ता था। नेपाल बॉर्डर से सटे मदरसों में आता-जाता था। वह एजेंसियों को गुमराह करने में बिल्कुल भी कामयाब नहीं हो सका। पूछताछ में पता लगा कि 29 डॉसलर का इंटरनेशनल सिम खरीदकर उसने फेसबुक और टेलीग्राम पर एकाउंट बनाया था। वह सीरिया, अरब क्रांति और आईएसआईएस से संबंधित वीडियोज को देखता था। उसने पढ़ाई के दौरान ही 2012-2015 में नेपाली खाते से खाड़ी देशों को पैसे भी भेजे थे। उसने 2013 में पासपोर्ट बनवाया और 2015 में पिता के साथ सऊदी उमरा करने भी गया। 2019 में उसने मुल्ला टोला निवासी लड़की से शादी की लेकिन जनवरी 2020 में उसका तलाक हो गया।
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