UP New Petrol Rule 2025: उत्तर प्रदेश में 1 सितंबर से 'नो हेलमेट, नो फ्यूल' अभियान लागू होगा। बिना हेलमेट बाइक सवारों को पेट्रोल नहीं मिलेगा। सरकार का लक्ष्य सड़क सुरक्षा बढ़ाना, हादसों में कमी लाना और नकली हेलमेट की बिक्री पर रोक लगाना है।
UP Petrol Pump Helmet Rule : उत्तर प्रदेश सरकार ने सड़क सुरक्षा को लेकर बड़ा निर्णय लिया है। राज्य में 1 सितंबर 2025 से ‘नो हेलमेट, नो फ्यूल’अभियान शुरू किया जाएगा। इसके तहत पेट्रोल पंप पर बिना हेलमेट लगाए आए बाइक सवारों को पेट्रोल नहीं मिलेगा। सरकार का मानना है कि यह कदम सड़क हादसों में मौतों की संख्या कम करने और लोगों को हेलमेट पहनने की आदत डालने में अहम साबित होगा।
हेलमेट इंडस्ट्री ने किया समर्थन, पर जताई चिंता
टू-व्हीलर हेलमेट मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (2WHMA) के अध्यक्ष राजीव कपूर ने सरकार के इस फैसले का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि यह कदम सड़क सुरक्षा को मजबूत करेगा, लेकिन नकली हेलमेट की बढ़ती बिक्री इस अभियान की सफलता पर सवाल खड़ा कर सकती है।
कपूर के अनुसार, मार्केट में महज़ 110 रुपये में बिकने वाले हेलमेट नकली और बेहद कमजोर होते हैं। मामूली झटके में टूट जाने वाले ये हेलमेट जान बचाने के बजाय और खतरा बढ़ा सकते हैं। उन्होंने बताया कि यूपी, गाजियाबाद, लोनी और दिल्ली जैसे इलाकों में करीब 95% हेलमेट नकली बिक रहे हैं।
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नकली हेलमेट से बढ़ रहा खतरा
एक रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि दिल्ली में बिकने वाले लगभग 70% हेलमेट नकली हैं। जांच में पाया गया कि हल्के से हादसे में भी ये पूरी तरह फेल हो जाते हैं, जबकि असली ISI मार्क वाले हेलमेट मजबूत और टिकाऊ साबित होते हैं। इसका मतलब है कि नकली हेलमेट पहनने से दुर्घटना में जान बचने की संभावना बेहद कम हो जाती है।
नकली हेलमेट पर रोक कैसे लगेगी?
विशेषज्ञों का सुझाव है कि बाइक कंपनियों को हर गाड़ी के साथ दो ISI सर्टिफाइड हेलमेट देना अनिवार्य कर देना चाहिए। इसकी कीमत गाड़ी के दाम में ही जोड़ दी जाए ताकि लोग अलग से नकली हेलमेट खरीदने से बचें।
इसके अलावा, केंद्र और राज्य सरकार को मिलकर मोटर व्हीकल रूल 138F को सख्ती से लागू करना होगा, जिसके तहत हर दोपहिया वाहन के साथ हेलमेट बेचना जरूरी है। नकली हेलमेट बनाने और बेचने वालों पर FIR और भारी जुर्माना लगाने की भी मांग की गई है।
जागरूकता ही है असली समाधान
एक्सपर्ट्स मानते हैं कि कानून सख्त करने के साथ-साथ लोगों को जागरूक करना भी बेहद जरूरी है। असली और नकली हेलमेट के फर्क के बारे में जानकारी देने के लिए लगातार अभियान चलाना होगा। ‘मिशन सेव लाइव्स’ जैसी पहल और मीडिया कवरेज लोगों को हेलमेट की अहमियत समझाने में मददगार साबित होंगी।
सरकार को उम्मीद- सड़क सुरक्षा होगी और मजबूत
1 सितंबर 2025 से लागू होने वाले इस नियम के बाद सरकार को उम्मीद है कि लोग हेलमेट पहनने के प्रति और अधिक जिम्मेदार बनेंगे। साथ ही सड़क सुरक्षा नियमों का पालन भी सख्ती से होगा, जिससे हादसों में होने वाली मौतों की संख्या कम की जा सकेगी।
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