सार
यूपी के नोएडा में पुलिस ने हत्या के मामले का खुलासा किया है। पुलिस ने बताया कि युवक की हत्या उसकी प्रेमिका के घर में उसके परिजनों के द्वारा की गई थी। मामले में सभी को गिरफ्तार कर लिया गया है।
नोएडा: ग्रेनो वेस्ट के निवासी 26 वर्षीय युवक रंजीत की हत्या का पुलिस ने खुलासा कर दिया है। पुलिस ने इस मामले में हत्या के आरोपी में रंजीत की प्रेमिका, उसके माता-पिता समेत 5 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। प्रेमिका ने फोन पर रंजीत को घरवालों को शादी की बातचीत के लिए गाजियाबाद बुलाया था। गाजियाबाद के बम्हेटा गांव बुलाए जाने के बाद जब युवक वहां पहुंचा तो परिजनों ने उसकी हत्या कर शव को चिपियाना गांव के तालाब में फेंक दिया। इस घटना के तकरीबन 8 माह के बाद पुलिस को तालाब से हड्डियां बरामद हुई।
मिस्ड कॉल से शुरू हुई थी प्रेम कहानी
पुलिस ने बताया कि इस प्रेम कहानी की शुरुआत मिस्ड कॉल से शुरू हुई थी। हालांकि सात फेरों के बजाय रंजीत को मौत मिली। उसका शव तक परिजनों को नहीं मिल सका। रंजीत ने प्रेमिका का वीडियो बनाकर उसके भाई को भेजा और शादी का दबाव बनाया था। इसी के चलते उसकी हत्या की गई। पुलिस ने बताया कि रंजीत के परिजनों ने आरोप लगाया था कि युवती के परिजन जाति की वजह से रंजीत के साथ बेटी का विवाह करने के खिलाफ थे। दोनों के बीच में तकरीबन 8 साल से प्रेम संबंध था। एक दूसरे के घर दोनों का आजाना जाना भी था। परिजनों ने बताया कि युवती ने शादी का झांसा देकर रंजीत से काफी आभूषण भी बनवाए थे। उनका बेटा जो भी कमाता था वह प्रेम प्रसंग पर ही खर्च कर देता था।
प्रेमिका के सामने युवक को उतारा गया मौत के घाट
घरवालों ने कहा कि आठ साल पहले रंजीत के फोन पर एक मिस्ड कॉल के बाद उसकी पहचान प्रेमिका से हुई थी। दोनों में दोस्ती हुई और फिर दोनों एक दूसरे को प्यार करने लगे। पुलिस के अनुसार 13 जून को रंजीत शादी की बात करने के लिए बम्हेटा स्थित युवती के घर पर पहुंचा। यहां उसकी हत्या की गई। रामबाबू ने रंजीत के हाथ पकड़े और मनीष ने पैर, इसके बाद शुभम उर्फ शिवम दुबे ने गला दबाकर उसकी हत्या की। इस बीच प्रेमिका और उसकी मां भी वहां मौजूद थी। इसके बाद परिजन रंजीत का शव बाइक पर लेकर चिपियाना पहुंचे। यहां तालाब में शव को फेंक दिया गया।
बागेश्वर धाम अर्जी लगाने पहुंचा था भाई
इस मामले में पुलिस शिकायत दर्ज करने से लेकर कार्रवाई करने तक हीलाहवाली करती रही। मामले के खुलासे को लेकर रंजीत का भाई सुशील बागेश्वर धाम अर्जी लगाने भी गया था। हालांकि अर्जी लगने से पहले ही घटना का खुलासा कर आरोपियों की गिरफ्तारी हो गई।