उत्तर प्रदेश में मुरादाबाद के रेलवे स्टेशन पर प्लेटफार्म नबर दो पर एक शव पड़ा था। पास में उसके दो बच्चे खड़े थे, जिसमें एक दो साल तो दूसरा तीन साल का था। मासूमों को यह नहीं पता था कि उनके पिता की मौत हो गई। वह तो यही समझ रहे थे कि पापा सो रहे हैं।
पहले पिता के घर से 10 लाख रुपए लेकर आओ, इसके बाद ही सुहागरात मनाऊंगा। दरअसल, यह आरोप यूपी के पीलीभीत में तीन महीने पहले दुल्हन बनी पत्नी ने पति पर लगाए हं। दहेज के चक्कर में आरोपी पत्नी ने शादी के तीन महीने होने के बाद भी शारीरिक संबंध नहीं बनाए।
यूपी के फिरोजाबाद के एक गांव में अजब वाकया हो गया। ऐन फेरों के पहले ही दुल्हन ने शादी से इंकार कर दिया तो हंगामा मच गया। लड़का और लड़की पक्ष के बीच इसको लेकर पंचायत भी हुई। पर दुल्हन ने शादी से साफ इंकार कर दिया।
उत्तर प्रदेश के अमेठी शहर से सनसनीखेज मामला सामने आया है। यहां बुधवार की सुबह बकरी चुराने का आरोप लगने के बाद दो भाईयों में इतना विवाद हुआ कि एक भाई ने दूसरे भाई की जान ले ली। इतना ही नहीं उसको बचाने आई पत्नी और बेटे को भी गंभीर घायल कर दिया।
Lok Sabha Elections 2024: यूपी निकाय चुनाव नतीजों से विरोधी दलों को बड़ा झटका लगा है। आने वाले लोकसभा चुनाव से पहले इस चुनाव के परिणाम सभी दलों के लिए मायने रखते हैं, क्योंकि आम चुनाव से पहले दलों को जनता की नब्ज टटोलने का मौका मिला था।
गैंगस्टर मुख्तार अंसारी को कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। गाजीपुर की एमपी/एमएलए कोर्ट ने हत्या के प्रयास के एक मामले में उन्हें बरी कर दिया है। गाजीपुर के मुहम्मदाबाद कोतवाली में साल 2009 में यह केस दर्ज हुआ था।
यूपी के बाहुबली नेता हरिशंकर तिवारी नहीं रहे। 88 वर्ष की उम्र में मंगलवार शाम को उन्होंने अंतिम सांस ली। बीते कुछ वर्षों से वह राजनीति से दूर हो गए थे। इसकी वजह उनकी अधिक उम्र बताई जाती है।
वर्तमान में गोरखपुर सीएम योगी आदित्यनाथ के गृह जनपद के रूप में जाना जाता है। पर 1970 के दशक में इसी शहर में अपराध की एक नई इबारत लिखी गई। जब, जेपी आंदोलन के समय छात्र नेता सड़कों पर क्रांति की एक नई कहानी लिख रहे थे।
यूपी के झांसी में एक शादी के दौरान लड़की ने फेरे बीच में ही रोक दिए तो दूल्हे और बाराती भौचक्का रह गए। आखिरकार विवाह की तमाम रस्में निभाई जा चुकी थीं। सुबह के समय दूल्हा-दुल्हन के सात फेरे लेने की तैयारियां जोरों से चल रहीं थी।
चिल्लूपार से छह बार विधायक और यूपी के पांच बार मंत्री रहे हरिशंकर तिवारी का गोरखपुर का हाता के नाम से प्रसिद्ध आवास हमेशा ही यूपी की सियासत का केंद्र रहा है।