सार

अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा का समय नजदीक आता जा रहा है, ऐसे में पूरे देश में राम लहर जैसी चल रही है। यह कार्यक्रम 16 जनवरी से शुरू होगा और 22 जनवरी को मुख्य कार्यक्रम होगा।

 

Ram Mandir Movement. विश्व हिंदू परिषद के नेता शरद शर्मा ने बयान दिया है कि राम मंदिर के लिए किया गया आंदोलन 1947 के स्वतंत्रता आंदोलन से भी बड़ा था। कहा कि मंदिर आंदोलन के दौरान लाखों लोगों ने अपने प्राणों का बलिदान किया। यही वजह है कि 500 साल के आंदोलन के बाद अब जाकर कामयाबी मिली है और मंदिर का निर्माण हुआ। जानकारी के लिए बता दें कि अयोध्या में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम 22 जनवरी को आयोजित किया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित देश-दुनिया के तमाम दिग्गज इस ऐतिहासिक घटनाक्रम के साक्षी बनेंगे।

विश्व हिंदू परिषद नेता शरद शर्मा का बयान

वीएचपी नेता शरद शर्मा ने कहा कि राम मंदिर का आंदोलन आजादी के आंदोलन से भी बड़ा था। ऐसा इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि यह धार्मिक आंदोलन था जिसके लिए धर्म के लोग जुटे थे। धर्म, संस्कृति और इतिहास के क्लाइमेक्स से यह आंदोलन चलाया गया था। 500 सालों तक चले इस मूवमेंट में लाखों लोगों ने प्राणों का बलिदान किया। जानकारी के लिए बता दें कि राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के दौरान देश के 4 हजार साधू-संत और 3 हजार वीवीआईपी लोग मौजूद रहेंगे। राम मंदिर के निमंत्रण पत्र पर आंदोलन से जुड़े लोगों के नाम और उनके जीवन के बारे में भी बताया गया है।

22 जनवरी से प्राण प्रतिष्ठा मुख्य कार्यक्रम

अयोध्या में 22 जनवरी को होने वाले मुख्य कार्यक्रम की तैयारियां जोरों से चल रही हैं। इससे पहले 16 जनवरी से ही प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम शुरू कर दिया जाएगा। वाराणसी के पुजारी लक्ष्मीकांत दीक्षित प्राण प्रतिष्ठा की पूरी प्रक्रिया को संचालित करेंगे। अयोध्या में होने वाले इस कार्यक्रम को अमृत महोत्सव का नाम दिया गया है। इस दौरान 1008 हुंडी महायज्ञ का भी आयोजन किया गया है। राम नगरी में कई टेंट सिटी तैयार की गई है, जहां पर मेहमानों को रहने की व्यवस्था है। माना जा रहा है कि प्राण प्रतिष्ठा के इस वृहद कार्यक्रम में हजारों की संख्या में लोग जुटेंगे। श्रीराम जन्मभूमि ट्रस्ट की मानें तो अतिथियों की संख्या 10 हजार से 15 हजार के बीच हो सकती है।

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