सार
यूपी में रामचरितमानस को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है। अखिल भारतीय ओबीसी महासभा के पदाधिकारियों ने सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य का समर्थन करते हुए रामचरितमानस की कुछ प्रतियां जलाकर विरोध जताया है।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में रामचरितमानस को लेकर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। राजधानी लखनऊ में रविवार को रामचरितमानस की कुछ प्रतियों को जलाकर विरोध जताया गया। बता दें कि अखिल भारतीय ओबीसी महासभा के पदाधिकारियों ने सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य के समर्थन किया। महासभा ने पहले ही प्रदर्शन का ऐलान कर दिया था। जिसके बाद रविवार को वृंदावन सेक्टर-9 के आवास विकास कार्यालय पहुंचे कार्यकर्ताओं ने रामचरितमानस के खिलाफ नारेबाजी की और इस पर प्रतिबंध लगाए जाने की मांग की। कार्यकर्ताओं ने कहा कि रामचरितमानस में या तो संसोधन कराया जाए या फिर जातिगत जनगणना करवाई जाए।
मौर्य के समर्थन में आया OBC मोर्चा
बता दें कि कुछ दिनों पहले सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने रामचरितमानस पर विवादित बयान दिया था। उन्होंने कहा कि इसमें कुछ पंक्तियां ऐसी हैं जो महिलाओं और शूद्रों का अपमान करती हैं। सपा नेता ने इसे बकवास बताया है। जिसके बाद से वह लोगों के निशाने पर आ गए थे। हिंदू समाज मौर्य के खिलाफ प्रदर्शन कर उनके पुतले फूंक रहे हैं। जिसके बाद अब स्वामी प्रसाद मौर्य के समर्थन में ओबीसी मोर्चा खुलकर खड़ा हो गया है। रामचरितमानस का बहिष्कार करते हुए ओबीसी और दलित मोर्चा ने इसकी प्रतियां जलाईं।
रामचरितमानस में किया जाए संशोधन
वहीं सभा के पदाधिकारी देवेंद्र यादव ने कहा कि रामचरितमानस में नारी सशक्तिकरण, शूद्रों, दलित समाज और ओबीसी के खिलाफ जो टिप्पणियां हैं, उन्हें हटवाया जाए। तभी ये विरोध प्रदर्शन खत्म होगा, वरना ये प्रदर्शन ऐसे ही चलता रहेगा। देवेंद्र यादव ने कहा कि आधुनिक युग में लोग चांद पर पहुंच रहे हैं। लेकिन हिंदुस्तान के लोग आज भी पीछे हैं। जिसका जिम्मेदार रामचरितमानस है। उन्होंने कहा कि वह लोग मौर्य की बातों का समर्थन करते हैं। वहीं अन्य कार्यकर्ता ने कहा कि जब संविधान में संशोधन किया जा सकता है तो रामचरितमानस में क्यों नहीं।
मौर्य ने माफी मांगने से किया इंकार
इसी बीच सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने आज यानि की रविवार को फिर एक ट्वीट किया है। उन्होंने ट्वीट में लिखा है कि धर्म की दुहाई देकर आदिवासियों, दलितों-पिछड़ों व महिलाओं को अपमानित किए जाने की साजिश का वह विरोध करते रहेंगे। जैसे कुत्तों के भौंकने से हाथी अपनी चाल नहीं बदलता है, ठीक उसी तरह उनको सम्मान दिलाने तक वह भी अपनी बात पर कायम रहेंगे। बता दें कि शनिवार को अखिलेश यादव से मुलाकात करने के बाद भी मौर्य ने माफी मांगने से इंकार कर दिया था।