सार

रूबी आसिफ ने नवरात्रि का व्रत और रमजान के रोजे को एक साथ रखने की बात कही है। हालांकि धर्मगुरुओं की ओर से इसको लेकर ऐतराज जताया गया है। वह पहले भी मूर्ति पूजा को लेकर कट्टरपंथियों के निशाने पर रह चुकी हैं।

अलीगढ़: जयगंज भाजपा मंडल महिला मोर्चा की उपाध्यक्ष, राष्ट्रीय जन कल्याणकारी परिषद की प्रदेश मंत्री और मुस्लिम राष्ट्रीय मंच की जिला संयोजक रूबी आसिफ ने नवरात्रि और रमजान को लेकर एक ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि वह नवरात्रि का उपवास और रमजान का रोजा एक साथ रखेंगी। इससे पहले उन्हें दुर्गा पूजा और गणेश चतुर्थी पर पूजा करने और मूर्ति रखने पर जिंदा जलाने की धमकी दी गई थी।

पहले भी कर चुकी हैं उपवास, धमकी मिलने पर मिली थी सुरक्षा

रूबी खान ने बताया कि इस बार नवरात्रि और रमजान एक ही साथ में पड़ रहा है। वह एकता की पैरोकार हैं और ऐसे में वह उपवास और रोजा एक ही साथ रखेंगी। रोजा में वह सहरी और इफ्तार के साथ नमाज भी पढ़ेंगी और नवरात्रि के लिए उपवास रखेंगी। ज्ञात हो कि पहले भी रूबी ने दुर्गा पूजा पर मां की मूर्ति की स्थापना की थी। उन्होंने 9 दिन तक व्रत रख सभी की शांति और खुशहाली को लेकर कामना की थी। उसके बाद उन्होंने गणेश चतुर्थी पर प्रतिमा स्थापित की और विसर्जन किया। हालांकि इस बीच वह कट्टरपंथियों के निशाने पर रही थीं। कट्टरपंथियों के द्वारा उन्हें जिंदा जलाने की धमकी दी गई थी। इसके चलते पुलिस और प्रशासन ने उन्हें सुरक्षाकर्मी भी मुहैया करवाए थे।

धर्मगुरुओं ने जताया ऐतराज

वहीं रूबी के नवरात्रि और रमजान को लेकर एएमयू के सुन्नी धर्मशास्त्र विभाग के पूर्व विभाग अध्यक्ष मुफ्ती प्रोफेसर जाहिद अली खान ने कहा कि इस्लाम में मूर्ति पूजा जायज नहीं है। कोई भी मूर्ति पूजा नहीं कर सकता है। रमजान के दौरान अगर मूर्ति पूजा की जाती है तो न ही रोजा माना जाएगा और न ही नमाज मुकम्मल होगी। लिहाजा ऐसा बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए। वहीं हिंदू गुरुओं ने भी इसे गलत बताया। उनका कहना है कि रूबी को एक ही पद्धति का चुनाव करना चाहिए। अगर उन्हें पूजा अर्चना पसंद है तो वह सनातन धर्म में आएं। अगर वह इस्लाम को मानती हैं तो सुर्खियां बटोरने के लिए यह काम बिल्कुल भी न करें।

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