सहारनपुर की दो युवतियों की पांच साल पुरानी प्रेम कहानी थाने में छह घंटे चली पंचायत के बाद टूट गई। दोनों पति-पत्नी की तरह रहना चाहती थीं, पर परिवार के विरोध और विवादों के बीच अलग होने का फैसला लिया। दोनों ने दोस्ती बनाए रखने की बात कही।
सहारनपुर। कभी-कभी जीवन ऐसी राहों पर ले आता है जहाँ भावनाएँ मजबूत होती हैं, लेकिन हालात उससे भी ज्यादा भारी पड़ जाते हैं। उत्तर प्रदेश के सहारनपुर की दो युवतियों की प्रेम कहानी भी कुछ ऐसी ही है, पांच वर्षों से साथ रहने का सपना, पति-पत्नी की तरह संबंध निभाने का जिद, और अंत में पुलिस थाने में बैठकर कठिन दिलों से लिया गया अलगाव का फैसला। यह कहानी केवल दो दिलों की नहीं, बल्कि उन संघर्षों की है जो समाज के ढाँचों और पारिवारिक दबावों के बीच दम तोड़ देते हैं।
पांच साल का रिश्ता, थाने में हुई छह घंटे की पंचायत
मंडी थाना क्षेत्र की रहने वाली हिना (काल्पनिक नाम) और कशिश (काल्पनिक नाम) पिछले पांच साल से एक-दूसरे के बेहद करीब थीं। दोनों ने कई उतार-चढ़ाव के बावजूद पति-पत्नी की तरह साथ रहने का निर्णय किया था। लेकिन जब परिवार और समाज का दबाव बढ़ता गया, मामला थाने तक पहुँच गया।
छह घंटे तक चली मैराथन पंचायत में दोनों पक्षों की बातें सुनी गईं। तमाम कोशिशों और भावनाओं के बहाव के बावजूद यह तय हुआ कि दोनों युवतियाँ अब साथ नहीं रहेंगी। हालाँकि उन्होंने साफ कहा कि वे अलग जरूर होंगी, लेकिन दोस्ती और मुलाकातों का सिलसिला नहीं टूटेगा।
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निर्णय के बाद एक-दूसरे को पकड़कर रोती रहीं दोनों
पंचायत के फैसले पर मुहर लगते ही वातावरण बोझिल हो गया। दोनों युवतियाँ एक-दूसरे के गले लगकर देर तक रोती रहीं। वहाँ मौजूद लोग इस भावनात्मक दृश्य को देखकर स्तब्ध रह गए। कहानी की जड़ें वहीं से शुरू होती हैं जब हिना और कशिश की ऑनलाइन मुलाकात हुई थी।
दोस्ती से बढ़कर रिश्ता: हिना ने बताया कैसे मिला सहारा
हिना, जो तीन बच्चों की माँ हैं, बताती हैं कि कशिश एक केमिस्ट हैं और वे बच्चों सहित उनका ख्याल ऐसे रखती थीं, जैसे कोई अपना रखता है। दोनों ने कई साल दूर-दूर रहकर बिताए, लेकिन मार्च में 17 दिन साथ रहने का मौका मिला और तब उन्होंने पति-पत्नी की तरह जीवन बिताया। हिना ने आरोप लगाया कि उनके पति वर्षों से मारपीट करते रहे, तीन बार तलाक की स्थिति बन चुकी थी।अब पति कह रहे हैं कि दोनों को साथ रख लेंगे, लेकिन हिना ने इसे अस्वीकार कर दिया।
"हम आत्मनिर्भर हैं, खुद फैसला कर सकते हैं": कशिश का बयान
कशिश ने पुलिस के सामने कहा कि वह आत्मनिर्भर हैं और हिना के साथ ही जीवन बिताना चाहती थीं। उन्होंने प्रश्न उठाया कि जब लड़के-लड़के या लड़कियां-लड़के साथ रहने का अधिकार रखते हैं, तो दो लड़कियाँ क्यों नहीं? कशिश ने बताया कि न उन्हें घर में प्यार मिला और न बाहर; उनके अनुसार बचपन से प्रताड़ना झेलनी पड़ी। वे कहती हैं कि हिना पहली व्यक्ति हैं जिन्होंने उन्हें समझा। कशिश ने यह भी बताया कि हिना के साथ घूमकर लौटने पर परिवार ने उन्हें पीटा और जबरन मानसिक अस्पताल में भर्ती कराया गया।
परिवारों का विरोध और गंभीर आरोप
मामला तब और उलझ गया जब कशिश की माँ शाहजहाँपुर से थाने पहुंच गईं। उन्होंने आरोप लगाया कि उनकी बेटी को ‘गिरोह’ ने बहला-फुसलाकर किडनैप किया और ब्रेनवॉश किया। उन्होंने इसे ‘जिहादी साजिश’ तक बताया। वहीं हिना के पति ने कहा कि वह पत्नी और बच्चों को कहीं नहीं जाने देंगे, लेकिन यदि कशिश चाहे तो उनके साथ रह सकती है। लंबी पंचायत के बाद निर्णय लिया गया कि दोनों अपने-अपने घर लौटेंगी। हालांकि दोनों को यह छूट दी गई कि वे जब चाहें एक-दूसरे से मिल सकती हैं।
कशिश ने घर जाने से किया इंकार, पुलिस को करनी पड़ी कड़ी मशक्कत
निर्णय के बाद भी कशिश ने अपने परिवार के साथ जाने से इनकार कर दिया। पुलिस ने काफी समझाने-बुझाने के बाद उन्हें घर भेजा। मौके पर मौजूद लोगों ने माना कि इस मामले में भावनाएं, दर्द और सामाजिक दबाव तीनों एक साथ टकरा रहे थे।
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