संत प्रेमानंद महाराज की पदयात्रा अनिश्चितकाल के लिए स्थगित, किडनी रोग की वजह से स्वास्थ्य ठीक नहीं। वृंदावन आश्रम ने भक्तों से आग्रह किया है कि वे पदयात्रा मार्ग पर महाराज का इंतजार न करें। जल्द स्वस्थ होकर पदयात्रा शुरू होगी। 

राधा रानी के परम भक्त संत प्रेमानंद महाराज, जो रोजाना पदयात्रा के लिए अपनी सोसाइटी से श्री हित राधा केलि कुंज आश्रम तक निकलते थे, दो दिनों से रास्ते पर दिखाई नहीं दे रहे हैं। जहां भक्त उनकी प्रतिदिन की पदयात्रा देखने के लिए अपने अपने स्थानों पर हजारों की संख्या में खड़े होते थे, वहीं अब उनकी अनुपस्थिति ने भक्तों के चेहरों पर चिंता की लकीरें उकेर दी हैं।

आश्रम ने दी स्वास्थ्य संबंधी स्थिति की जानकारी

श्री हित राधा केलि कुंज आश्रम ने आधिकारिक बयान जारी कर स्पष्ट किया है कि महाराज की पदयात्रा अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई है। इसके पीछे मुख्य वजह महाराज की खराब स्वास्थ्य स्थिति है। संत प्रेमानंद किडनी की गंभीर बीमारी से पीड़ित हैं, और उनकी दोनों किडनियां खराब हो चुकी हैं, जिसके चलते वे डायलिसिस पर निर्भर हैं।

आश्रम ने सभी भक्तों से आग्रह किया है कि वे पदयात्रा मार्ग पर महाराज का इंतजार न करें और उनकी सेहत में सुधार होने तक धैर्य बनाए रखें। उन्होंने यह भी बताया कि महाराज के स्वास्थ्य में सुधार होते ही पदयात्रा फिर से शुरू की जाएगी और इसकी सूचना सोशल मीडिया के माध्यम से साझा की जाएगी।

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भक्तों की चिंता और प्रार्थना

प्रेमानंद महाराज की बीमारी की खबर जंगल की आग की तरह फैल गई है। वृंदावन में ही नहीं, बल्कि देश-विदेश के लाखों भक्त उनके शीघ्र स्वस्थ होने की कामना कर रहे हैं। सोशल मीडिया पर उनकी आरोग्य लाभ के लिए प्रार्थना और संदेश साझा किए जा रहे हैं।

महाराज की रोज़ाना सुबह 4 बजे पदयात्रा देखने के लिए भक्त रात से ही यात्रा मार्ग पर जमा हो जाते थे, लेकिन फिलहाल इस आभास का इंतजार अनिश्चितकाल के लिए स्थगित हो गया है। भक्तगण इस बीच आश्रम की सलाह मानकर घरों पर ही महाराज के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना कर रहे हैं।

भक्तों में उम्मीद की किरण

संत प्रेमानंद महाराज की सेहत में जल्द सुधार की उम्मीद जीवन में नयी ऊर्जा और श्रद्धा लेकर आएगी। भक्तों का कहना है कि महाराज के कदम फिर से पदयात्रा के रास्तों पर थिरकेंगे, और वृंदावन में भक्ति का वातावरण पुनः जीवित हो उठेगा। तब तक यह विराम श्रद्धालुओं के लिए एक परीक्षा का समय है। संत प्रेमानंद महाराज की दैवीय भक्ति और उनकी सेवा में उपस्थित भक्त उम्मीद रखते हैं कि वे शीघ्र स्वस्थ होकर फिर से दर्शन देंगे और सभी का मार्गदर्शन करते रहेंगे।

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