सार

रामलला की मूर्ति को कर्नाटक के मूर्तिकार अरुण योगी ने तैयार किया है। इसके लिए अरुण ने दिनरात मेहनत कर रोजाना 17 से 18 घंटे तक काम कर प्रतिमा का आकार दिया है। 

अयोध्या। राम मंदिर के लिए रामलला की मूर्ति तैयार हो चुकी है और 22 जनवरी को पीएम मोदी प्राण प्रतिष्ठा भी करेंगे। राम मंदिर मूर्ति कर्नाटक के प्रसिद्ध मूर्तिकार अरुण योगी ने तैयार की है। रामलला की इसी मूर्ति को गर्भगृह में पीएम मोदी स्थापित करेंगे। अरुण योगी की बनाई इस मूर्ति में कई खास बातें हैं। 

अरुण ने दिनरात काम कर तैयार की मूर्ति
मूर्तिकार अरुण योगी ने रामलला की मूर्ति को तैयार करने में दिनरात एक कर दिया था। अरुण बताते हैं कि रामलला की मूर्ति बनाने से लेकर अंतिम रूप देने तक उन्होंने रोजाना करीब 17 से 18 घंटे तक काम किया है। भगवान की अचल मूर्ति तराशने में तकरीबन 7 महीने का समय लगा था। अरुण बताते हैं कि रामलला की मूर्ति बनाने का काम शुरू करने से पहले वह भगवान राम की आरती और हनुमान चालीसा का पाठ करते थे।

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खून में है मूर्तिकारी की कला
अरुण योगी के खून में मूर्तिकारी की कला है। परिवार के लोग भी मूर्ति कला में माहिर थे। अरुण बताते हैं कि परिवार के लोग पिछले पांच पीढ़ियों से मूर्ति बनाने का काम करते आए हैं। अरुण एमबीए करने के बाद एक कंपनी में जॉब करने लगे लेकिन मूर्तिकारी की कला को भुला नहीं सके। आखिरकार अपनी मूर्ति बनाने की कला की रुचि को बढ़ाते हुए उन्होंने 2008 में नौकरी छोड़कर मूर्तिकला में करिअर बनाने की ठान ली और आज उनका नाम बड़े मूर्तिकारों में शामिल है। अरुण के दादा बसवन्ना शिल्पी का नाम भी देश के जाने-माने मूर्तिकार थे।  

रामलला की मूर्ति की खास बात
रामलला की मूर्ति अपने आप में अद्भुत है। रामलला की बाल्याकार मूर्ति भुजाओं से लेकर घुटने तक है। यह मूर्ति श्याम शिला बनाई गई है। इस पत्थर से बनी प्रतिमा हजारों साल तक चलती हैं। इस प्रतिमा पर पानी का कोई प्रभाव नहीं पड़ता है। खास ये है कि इस मूर्ति की चमक चंदन, रोली लगाने से भी कभी कम नहीं होती। मूर्ति की ऊंचाई 51 इंच और वजन 150 से 200 किलो है। मूर्ति पर शानदार मुकुट भी है। बड़ी-बड़ी आंखों के साथ सुंदर मुख है।