आगरा के एसएन मेडिकल कॉलेज के सुपर स्पेशलिटी ब्लॉक ने 10 महीनों में 850 से अधिक हृदय रोगियों का सफल उपचार किया। अत्याधुनिक कैथ लैब, कम खर्च और योजनाओं के तहत निशुल्क इलाज ने गरीब मरीजों के लिए यह संस्थान संजीवनी साबित किया है।

SN Medical College Affordable Heart Treatment: एसएन मेडिकल कॉलेज (एसएनएमसी) आगरा में स्वास्थ्य सेवाओं में बीते कुछ समय में बड़ा बदलाव देखने को मिला है। योगी सरकार के प्रयासों की वजह से यह सरकारी संस्थान अब हृदय रोगियों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है। जो मरीज पहले संसाधनों की कमी से परेशान होते थे, अब वही एसएनएमसी में विश्वस्तरीय इलाज पा रहे हैं।

सुपर स्पेशलिटी ब्लॉक ने बदली तस्वीर

एसएनएमसी के सुपर स्पेशलिटी ब्लॉक के कार्डियोलॉजी विभाग ने सिर्फ 10 महीनों में 850 से अधिक जटिल हृदय प्रक्रियाएं सफलतापूर्वक की हैं। इनमें एंजियोग्राफी, एंजियोप्लास्टी, पेसमेकर, बैलून माइट्रल वाल्वोटोमी और रीनल स्टेंटिंग जैसी महत्वपूर्ण प्रक्रियाएं शामिल हैं। इतनी बड़ी संख्या में मरीजों का इलाज सरकारी क्षेत्र में बहुत बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है।

उच्च गुणवत्ता का इलाज बेहद कम खर्च में

हृदय रोगों का इलाज आम तौर पर बहुत महंगा होता है। लेकिन एसएनएमसी में यह सुविधाएं निजी अस्पतालों की तुलना में बेहद कम कीमत पर उपलब्ध हैं। योग्य मरीजों को असाध्य रोग योजना और आयुष्मान भारत योजना के तहत बिल्कुल निशुल्क इलाज भी मिल रहा है, जिससे गरीब और मध्यम वर्ग के लिए बड़ी राहत मिली है।

अत्याधुनिक कैथ लैब और तकनीक

एसएन मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. प्रशांत गुप्ता ने बताया कि सरकार ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि स्वास्थ्य सेवाओं में किसी तरह की कमी नहीं होनी चाहिए। सुपर स्पेशलिटी ब्लॉक में फिलिप्स की अत्याधुनिक Azurion 7 M Series कैथ लैब लगाई गई है, जो उत्तर प्रदेश के सरकारी मेडिकल कॉलेजों में पहली है।

कार्डियोलॉजी विभागाध्यक्ष डॉ. बसंत गुप्ता ने बताया कि यह मशीन उन्हें अत्यंत सटीकता के साथ जटिल स्टेंटिंग और अन्य प्रक्रियाएं करने में सक्षम बनाती है। जहां निजी अस्पतालों में लाखों रुपये लगते हैं, वहीं यहां मरीजों को कम खर्च में या निशुल्क इलाज मिल रहा है।

मरीजों के अनुभव: ‘सरकारी अस्पताल बना संजीवनी’

ओपीडी मरीज विनोद परमार ने बताया कि प्राइवेट अस्पताल में उनका इलाज बहुत महंगा था। एसएनएमसी में असाध्य रोग योजना के तहत उनका उपचार शुरू हो गया है, जिससे उन्हें बड़ी राहत मिली।

स्टेंटिंग करवा चुके मरीज हनीफ ने बताया कि उन्हें लगा था कि इलाज के लिए दिल्ली जाना पड़ेगा, लेकिन एसएनएमसी में ही तुरंत और बेहतरीन उपचार मिल गया। उन्होंने कहा कि यह अस्पताल उनके लिए सचमुच संजीवनी साबित हुआ है।

पश्चिमी यूपी का उभरता बड़ा हृदय रोग केंद्र

बेहतर सुविधाओं और सफल इलाज की खबर अब आगरा ही नहीं बल्कि मथुरा, फिरोजाबाद, एटा और आसपास के राज्यों तक पहुंच रही है। दूर-दूर से मरीज यहां आ रहे हैं, जो इस बात का प्रमाण है कि सरकारी अस्पताल अब अपनी पुरानी छवि को पीछे छोड़कर नई पहचान बना रहे हैं।

योगी सरकार का लक्ष्य: हर मरीज को जीवन रक्षक इलाज

सरकार का लक्ष्य है कि एसएन मेडिकल कॉलेज का सुपर स्पेशलिटी ब्लॉक जल्द ही पूरे पश्चिमी उत्तर प्रदेश का प्रमुख हृदय रोग केंद्र बने। सरकार चाहती है कि धन की कमी के कारण कोई भी मरीज जीवन रक्षक इलाज से वंचित न रह जाए।