सार
उमेश पाल हत्याकांड में पुलिस ने आरोपी विजय चौधरी उर्फ उस्मान को ढेर कर दिया है। बताया जा रहा है कि पुलिस को आरोपी के बारे में फोन कॉल के जरिए जानकारी मिली थी। इसी के बाद टीम उस्मान तक पहुंची।
प्रयागराज: उमेश पाल और दो सिपाहियों की हत्या मामले में पुलिस और एसटीएफ का एक्शन जारी है। सोमवार को प्रयागराज के कौंधियारा में हुई मुठभेड़ में बदमाश विजय चौधरी उर्फ उस्मान को ढेर कर दिया गया। आरोप है कि उस्मान ने ही उमेश पाल और गनर पर पहली गोली चलाई थी। गोली लगने के बाद गनर भी कुछ नहीं कर पाई थी। उमेश पाल की हत्या के बाद कई सीसीटीवी फुटेज सामने आए थे। प्रयागराज पुलिस ने मामले में पहले सभी बदमाशों ने शिनाख्त कर ली थी। हालांकि विजय चौधरी उर्फ उस्मान की पहचान नहीं हो पाई थी।
फोन कॉल के जरिए मिली थी विजय की जानकारी
प्राप्त जानकारी के अनुसार पुलिस ने मुखबिरों की ओर से मिली सूचना के आधार पर ही विजय चौधरी को पकड़ने में सफलता हासिल की है। रिपोर्टस के अनुसार रविवार को पुलिस को एक फोन आया था। उसी फोन से पुलिस को विजय चौधरी की जानकारी मिली थी। जिसके बाद पुलिस ने विजय उर्फ उस्मान को पकड़ने के लिए घेराबंदी की। तड़के ही पुलिस ने उसे पकड़ने का प्रयास किया तो आरोपी ने फायरिंग कर दी। पुलिस ने जवाबी कार्रवाई की जिसमें उस्मान घायल हो गया और अस्पताल पहुंचने पर उसे मृत घोषित कर दिया गया। एनकाउंटर में मारे गए बदमाश पर 50 हजार का इनाम था। बताया गया कि उस्मान चौधरी की पहचान नहीं हो पा रही थी इसी के चलते उस पर यह इनाम घोषित किया गया था। शासन को भेजी गई फाइल में ढाई लाख का इनाम मंजूर नहीं हुआ था।
ईसीजी और अन्य जांच के बाद किया गया मृत घोषित
बताया जा रहा है कि उमेश पाल हत्याकांड में उस्मान का नाम पहली बार आया है। अभी तक की किसी जांच और एफआईआर में उसके नाम का जिक्र नहीं था। उस्मान को गोली लगने के बाद उसे पहले 108 एंबुलेंस से सीएचसी कौंधियारा ले जाया गया जहां से उसे हायर सेंटर रेफर किया गया। वहीं प्रयागराज के स्वरूप रानी नेहरू अस्पताल के डॉ. बद्री विशाल सिंह ने जानकारी दी कि उस्मान को जब अस्पताल लाया गया तो उसकी मृत्यु हो चुकी थी। हालांकि उसका ईसीजी और अन्य जांच में उसे मृत घोषित कर दिया गया। जिसके बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया।
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