सार
Ayodhya Masjid: अयोध्या में भव्य राम मंदिर बनकर तैयार है। प्रभु श्रीराम का दर्शन करने के लिए लाखो श्रद्धालु यहां पहुंच रहे। बाबरी मस्जिद विवाद पर सुप्रीम कोर्ट ने विवादित स्थल को रामलला को सुपुर्द कर दिया और मस्जिद के लिए पांच एकड़ जमीन आवंटित किया। अयोध्या के धन्नीपुर में मस्जिद का प्रोजेक्ट बना। लेकिन पांच साल बीत गए और यहां एक ईंट भी नहीं रखी जा सकी।
क्यों अयोध्या में देश की सबसे बड़ी मस्जिद बनाने का हुआ निर्णय?
दशकों से अयोध्या में रामलला की जन्मभूमि पर मंदिर निर्माण बड़ा मुद्दा रहा। 1991 का रामरथ यात्रा हो या बाबरी मस्जिद विध्वंस, देश में अयोध्या एक ज्वलंत मुद्दा रहा है। उधर, कई दशक से यह मुद्दा कोर्ट-कचहरी तक चलता रहा। तमाम कोर्ट से होते हुए यह मामला सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ में पहुंचा। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने बाबरी मस्जिद विध्वंस और राम जन्मभूमि का फैसला किया। कोर्ट ने विवादित स्थल को रामजन्मभूमि मानते हुए वहां भव्य राम मंदिर निर्माण का फैसला सुनाया। कोर्ट ने मस्जिद के लिए भी पांच एकड़ जमीन देने का निर्णय दिया। यह जमीन सरकार को देनी थी।
अयोध्या में कहां मिली मस्जिद बनाने के लिए जमीन?
सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर अयोध्या के रौनाही में धन्नीपुर गांव में सरकार ने मस्जिद के लिए 5 एकड़ जमीन आवंटित की। सरकार ने यह पांच एकड़ जमीन सुन्नी वक्फ बोर्ड को मस्जिद के लिए आवंटित की थी। यह जमीन अयोध्या से करीब 25 किलोमीटर दूर है। मस्जिद निर्माण कमेटी ने करीब 6 एकड़ जमीन खरीदने के बाद 11 एकड़ जमीन पर मस्जिद निर्माण के लिए निर्णय लिया।
दुनिया का सबसे बड़ा कुरान रखने का है प्रस्ताव
इस मस्जिद के निर्माण के बाद यह निर्णय लिया गया कि इसमें दुनिया का सबसे बड़ा कुरान रखा जाएगा। मस्जिद का प्रस्तावित नाम पैगंबर मोहम्मद के नाम पर रखने का फैसला किया गया। दिसंबर 2020 में इस मस्जिद की ग्रैंड डिजाइन को जारी किया गया। कमेटी ने तय किया कि यह मोहम्मद बिन अब्दुल्ला मस्जिद नाम से जाना जाएगा। यह भी तय हुआ कि मस्जिद में दुनिया की सबसे बड़ी कुरान रखी जाएगी। यह कुरान 21 फीट ऊंचा और 36 फीट चौड़ा होगा। यह 18-18 फीट पर खुलेगा।
मस्जिद कैंपस में कैंसर अस्पताल का भी प्रस्ताव
मस्जिद परिसर में एक कैंसर अस्पताल बनवाने का निर्णय लिया गया। कमेटी ने कहा कि यहां हर धर्म, हर मजहब के लोगों का मुफ्त इलाज हो सकेगा। यही नहीं मस्जिद कैंपस में स्कूल, म्यूजियम और लाइब्रेरी बनेगी। यहां कैंपस में फ्री खाने की सुविधा होगी। यहां इंजीनियरिंग, मेडिकल, डेंटल जैसे पांच कॉलेज बनेंगे। कैंपस में दुबई से बड़ा फिश एक्वेरियम भी बनाने का निर्णय लिया गया। पूरी मस्जिद को सोलर एनर्जी से लैस किया जाना था।
लेकिन पांच साल में एक ईंट भी न रखी जा सकी
अयोध्या में मस्जिद के लिए जमीन आवंटित हुए 5 साल का समय गुजर चुका है। लेकिन अभी तक इस पर निर्माण के लिए एक ईंट भी नहीं रखी जा सकी है। सुन्नी सेंट्रल वक्फ़ बोर्ड के चेयरमैन और मस्जिद ट्रस्ट के चीफ ट्रस्टी जफर फारूकी ने बताया कि चार सालों में महज 90 लाख रुपये ही डोनेशन मिला है। मस्जिद को बनाने में काफी धन की आवश्यकता है। फंड की वजह से हमने अन्य प्लान को कैंसिल करते हुए केवल मस्जिद ही बनाने का निर्णय लिया है। हालांकि, केवल मस्जिद बनाने में भी 6-7 करोड़ रुपये का खर्च आएगा। ट्रस्ट के पास अभी फंड नहीं है।
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