Weather Alert: यूपी के 55 जिलों में भारी बारिश और वज्रपात की चेतावनी से हड़कंप मच गया है। गंगा-यमुना समेत कई नदियां खतरे के निशान पर, प्रशासन ने SDRF की तैनाती और निगरानी के निर्देश जारी किए हैं।
Heavy Rainfall UP: उत्तर प्रदेश एक बार फिर मौसम के कहर की चपेट में आता दिख रहा है। भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने राज्य के 55 से अधिक जिलों में भारी बारिश, आंधी-तूफान और बिजली गिरने को लेकर ऑरेंज अलर्ट जारी कर दिया है। बीते कुछ दिनों से लगातार बढ़ती उमस और तापमान के बाद अब आसमान में मंडराते बादल खतरे का संकेत दे रहे हैं। लोगों से कहा गया है कि वे बेहद सतर्क रहें क्योंकि आने वाले 24 से 48 घंटे निर्णायक साबित हो सकते हैं।
कौन-कौन से जिले हैं हाई रिस्क ज़ोन में?
लखनऊ, वाराणसी, गोरखपुर, मऊ, बलिया, सीतापुर, लखीमपुर खीरी, बहराइच, श्रावस्ती, बाराबंकी, मिर्जापुर समेत कई जिलों में 64.5 मिमी से लेकर 115 मिमी तक की भारी वर्षा होने की संभावना जताई गई है। इसके साथ ही 30 से 55 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से हवाएं चलेंगी और कई जगहों पर बिजली गिरने की घटनाएं हो सकती हैं।
नदियों का बढ़ता जलस्तर: क्या यूपी में बाढ़ आ सकती है?
प्रदेश की प्रमुख नदियां जैसे गंगा, यमुना, शारदा, राप्ती, गोमती और रामगंगा अब खतरे के निशान के बेहद करीब बह रही हैं।
- मुरादाबाद में 270 मिमी,
- हरदोई में 170 मिमी,
- बाराबंकी में 320 मिमी वर्षा दर्ज की गई है।
इन जिलों में निचले इलाकों में जलभराव, फसलें बर्बाद होने का खतरा और सड़कों पर यातायात में भारी बाधा की आशंका है।
प्रशासन कितना तैयार है इस आपदा से निपटने के लिए?
- राज्य सरकार और आपदा प्रबंधन विभाग ने SDRF और NDRF की टीमों को हाई अलर्ट पर रखा है।
- नदी किनारे बसे गांवों की निगरानी के निर्देश दिए गए हैं।
- स्कूलों को आवश्यकतानुसार बंद रखने की सिफारिश की जा सकती है।
- अंडरपास और निचले क्षेत्रों में ट्रैफिक प्रतिबंध लगाने की योजना पर काम चल रहा है।
क्या आप भी हैं अलर्ट ज़ोन में? जानिए क्या सावधानी बरतनी है?
अगर आप प्रभावित जिलों में रहते हैं, तो:
- खुले मैदान में मोबाइल या बिजली से जुड़े उपकरण न चलाएं।
- घर में ही रहें, छत या पेड़ों के नीचे न रुकें।
- जलभराव वाले इलाकों से दूर रहें और प्रशासन के निर्देशों का पालन करें।
ये केवल मौसम नहीं, चेतावनी है!
उत्तर प्रदेश में बदलते मौसम की ये आहट आम बारिश नहीं है – यह एक संभावित प्राकृतिक आपदा का संकेत भी हो सकता है। प्रशासन और जनता दोनों को अत्यधिक सावधानी और जागरूकता बरतने की ज़रूरत है।
