सार
उत्तरप्रदेश, लखनऊ | विभूतिखंड में ATM के डिस्पेंसर में लचीली स्ट्रिप लगाकर ग्राहकों के रुपये निकालने वाले गिरोह के पांच सदस्यों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। यह गिरोह पहले एटीएम कार्ड बदलने के बाद खाते से पैसे निकालता था, लेकिन जब यह तरीका लोगों की नजर में आने लगा, तो इन अपराधियों ने यूट्यूब पर एटीएम में छेड़छाड़ करने का तरीका सीखा और फिर लचीली स्ट्रिप का इस्तेमाल करने लगे। इस खेल ने ना केवल यूपी, बल्कि अन्य राज्यों में भी लोगों को निशाना बनाया था।
कैसे हुआ खुलासा?
17 अक्टूबर की रात को विभूतिखंड स्थित आईसीआईसीआई बैंक के एटीएम में छेड़छाड़ का मामला सामने आया था। शाखा प्रबंधक गौरव महेंद्र ने पुलिस को बताया कि एटीएम में रुपये ट्रांजैक्शन हो रहे थे, लेकिन डिस्पेंसर से रुपये नहीं निकल रहे थे। कैश वैन जब रुपये लोड करने पहुंची, तब एटीएम से छेड़छाड़ का पता चला। सीसीटीवी फुटेज में दो संदिग्ध व्यक्तियों को देखा गया, जो एटीएम के डिस्पेंसर में लचीली स्ट्रिप लगा रहे थे।
इंस्पेक्टर विभूतिखंड सुनीला कुमार सिंह के मुताबिक, पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज और सर्विलांस की मदद से गिरोह के पांच सदस्य पकड़ने में सफलता पाई। गिरोह के सरगना राजेश प्रताप सिंह उर्फ राजेश कुमार सिंह, जितेंद्र बहादुर सिंह उर्फ एसपी, मो. सैफ उर्फ शोएब हिमांशु सिंह और अजय कुमार यादव को गिरफ्तार किया गया। इनके पास से 24 हजार रुपये, 39 एटीएम कार्ड, 11 लचीली स्ट्रिप और घटना में इस्तेमाल की गई कार बरामद की गई।
पहले एटीएम कार्ड बदलने का था तरीका
गिरोह के सदस्यों ने बताया कि शुरुआत में वे लोगों के एटीएम कार्ड बदलकर खाते से पैसे निकालते थे। इस काम को करने का तरीका उन्हें यूट्यूब से मिला था, लेकिन जब लोग सतर्क हो गए और मामले दर्ज होने लगे, तो उन्होंने एटीएम डिस्पेंसर में लचीली स्ट्रिप लगाने की तकनीक सीखी। इसके बाद उन्होंने यूपी के अलावा राजस्थान और अन्य प्रदेशों में भी इस तरीके से कई लोगों को ठगा।
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