योगी सरकार द्वारा घोषित नई दरों पर प्रदेश में गन्ना मूल्य भुगतान शुरू हो गया है। 29 चीनी मिलों ने 513.96 करोड़ किसानों के खातों में भेजे। 114 मिलों ने इंडेन्ट जारी किया और 104 ने पेराई शुरू की। निरीक्षण और पारदर्शिता के लिए सख्त निर्देश जारी।
गन्ना किसानों के लिए यह सत्र उम्मीद और राहत लेकर आया है। योगी सरकार द्वारा घोषित नई दरों के बाद प्रदेश में गन्ना मूल्य भुगतान की प्रक्रिया तेज हो गई है। चीनी मिलों में नए पेराई सत्र की शुरुआत के साथ ही गन्ने की खरीद और भुगतान की रफ्तार बढ़ी है, और लंबे समय बाद किसानों को समय पर भुगतान मिलने की उम्मीद जगी है।
नई दरों पर शुगर मिलों ने शुरू किया भुगतान
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में लिए गए फैसलों के बाद प्रदेश की कई चीनी मिलों ने गन्ना मूल्य का त्वरित भुगतान शुरू कर दिया है।
- वर्तमान पेराई सत्र 2025-26 में 29 चीनी मिलों ने 513.96 करोड़ रुपये का भुगतान सीधे किसानों के खातों में भेज दिया है।
- अधिकांश मिलों ने किसानों के हित में साप्ताहिक भुगतान प्रणाली लागू की है, जिससे किसानों को लगातार नकदी प्रवाह मिलता रहे।
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प्रदेश की 114 मिलों ने जारी किया इंडेन्ट, 104 मिलों में पेराई शुरू
गन्ना विभाग के अनुसार प्रदेश की 123 में से 114 चीनी मिलों ने गन्ना खरीद हेतु इंडेन्ट जारी कर दिया है। वहीं 104 मिलों में पेराई कार्य विधिवत रूप से शुरू हो चुका है। इससे संकेत मिल रहे हैं कि इस बार पेराई सत्र की शुरुआत समयबद्ध और सुचारू ढंग से हो रही है।
अपर मुख्य सचिव का सख्त निर्देश: निरीक्षण में ढिलाई बर्दाश्त नहीं
अपर मुख्य सचिव गन्ना ने प्रदेश के सभी जिला गन्ना अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि:
- सहकारी और निगम क्षेत्र की 23 सहकारी + 03 निगम मिलों का औचक निरीक्षण करें
- सभी गन्ना क्रय केन्द्रों पर समय से खरीद, उठान और तौल की प्रक्रिया की निगरानी करें
- तौल लिपिकों की उपस्थिति, मानक बाट, तौल की शुद्धता और गन्ने की साफ-सुथरी आपूर्ति सुनिश्चित हो
उन्होंने यह भी कहा कि किसानों की ओर से आने वाली शिकायतों का नियमों के तहत तत्काल निस्तारण कराया जाए।
किसानों के लिए बड़ा संदेश: भुगतान समय पर, प्रक्रिया पारदर्शी
सरकार और मिल प्रशासन का दावा है कि इस सत्र में भुगतान में देरी नहीं होने दी जाएगी। नई दरों की घोषणा के बाद:
- मिलों में पेराई तेज हुई है
- भुगतान की गति बढ़ी है
- निरीक्षण और पारदर्शिता पर जोर दिया जा रहा है
यह कदम गन्ना किसानों की आय को सुरक्षित करने और उनकी आर्थिक स्थिरता बढ़ाने की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
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