उत्तर प्रदेश सरकार ने सड़क सुरक्षा और परिवहन ढांचे को आधुनिक बनाने के लिए बड़े कदम उठाए हैं। लखनऊ-मुरादाबाद में नए सीसीटीवी, हाई-रिस्क जिलों में इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस, इंटरसेप्टर वाहन और तकनीकी उपकरणों की खरीद से सड़क सुरक्षा मजबूत होगी।
लखनऊ की सर्द भोर में जब शहर अपनी रफ्तार पकड़ रहा था, उसी समय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन में प्रदेश के सड़क परिवहन सिस्टम को पूरी तरह नई दिशा देने की बड़ी घोषणा हुई। उत्तर प्रदेश सरकार अब परिवहन और यातायात प्रबंधन को सिर्फ बेहतर ही नहीं, बल्कि तकनीकी रूप से अत्याधुनिक बनाने की दिशा में तेज़ी से आगे बढ़ रही है। उद्देश्य साफ है, कम दुर्घटनाएं, सुरक्षित सड़कें और आधुनिक ट्रैफिक सिस्टम।
आधुनिक परिवहन का रोडमैप तैयार , कई योजनाओं को हरी झंडी
मुख्य सचिव की बैठक में यूपी परिवहन विभाग और यातायात निदेशालय की कई महत्वपूर्ण योजनाओं को स्वीकृति मिली है। इनमें अत्याधुनिक इलेक्ट्रॉनिक इंफोर्समेंट डिवाइस से लेकर इंटरसेप्टर वाहनों तक शामिल हैं, जो आने वाले वर्षों में राज्य की सड़क सुरक्षा प्रणाली को बिल्कुल नए स्तर पर ले जाएंगे।
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लखनऊ और मुरादाबाद के चौराहों पर लगाए जाएंगे हाई-टेक सीसीटीवी
प्रदेश सरकार ने सड़क सुरक्षा बढ़ाने के लिए राजधानी लखनऊ और मुरादाबाद सहित कई शहरों में उन्नत सीसीटीवी कैमरे लगाने की मंजूरी दी है।
- लखनऊ के प्रमुख चौराहों पर सीसीटीवी इंस्टालेशन के लिए 4.96 करोड़ रुपये की स्वीकृति
- मुरादाबाद और बलिया में इंटीग्रेटेड सीसीटीवी नेटवर्क के लिए 3.10 करोड़ रुपये स्वीकृत
इसके साथ बीटीटीई इकाइयों के लिए ट्रक सिमुलेटर और तकनीकी उपकरणों पर भी 1.28 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।
राज्य के 25 हाई-रिस्क जिलों में लगेंगी इलेक्ट्रॉनिक इंफोर्समेंट डिवाइस
सड़क हादसों में कमी लाने के लिए योगी सरकार हाई-रिस्क जिलों पर विशेष फोकस कर रही है।
- 25 जिलों में इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस लगाने के लिए 25 करोड़ रुपये
- अन्य जिलों के लिए 50 लाख प्रति जिले से अतिरिक्त 25 करोड़ रुपये की मंजूरी
बीते वर्ष स्वीकृत 19.95 करोड़ से 70 इंटरसेप्टर वाहन खरीदे जा चुके हैं। वहीं 18 के-इन-मोशन सेंसरों के लिए 14.05 करोड़ रुपये की मंजूरी पहले ही दी जा चुकी है।
तकनीक आधारित सुरक्षा, सड़कें होंगी और सुरक्षित
प्रदेश भर में ट्रैफिक को सुचारू और सुरक्षित बनाने के लिए सरकार तेजी से हाईटेक उपकरणों को तैनात कर रही है, जिनमें शामिल हैं-
- स्पीड लेजर गन
- ब्रेथ एनालाइजर
- इंटरसेप्टर वाहन
- आयरन व फोल्डिंग बैरियर
- फ्लोरोसेंट जैकेट
- ई-चालान और साइनेज बोर्ड प्रणाली का विस्तार
कुल मिलाकर 2.10 करोड़ रुपये की राजस्व योजनाओं को भी हरी झंडी दी गई है।
यातायात जागरूकता को मिलेगा और बढ़ावा
यातायात नियमों का पालन सुनिश्चित कराने के लिए बड़े स्तर पर जागरूकता अभियान चलाए जाएंगे। सड़क सुरक्षा को लोक सहभागिता से जोड़ते हुए सरकार इसका दायरा और बढ़ाने की तैयारी में है।
योगी सरकार का लक्ष्य – सुरक्षित सफर, आधुनिक व्यवस्था
- इन सभी योजनाओं का मकसद प्रदेश में
- सड़क हादसों में उल्लेखनीय कमी लाना
- ट्रैफिक मैनेजमेंट को अधिक प्रभावी बनाना
- अत्याधुनिक तकनीक का अधिक प्रयोग करना
- और सुरक्षित परिवहन व्यवस्था उपलब्ध कराना है
सरकार की मानें तो आगामी समय में यूपी के सबसे आधुनिक और सुरक्षित रोड ट्रांसपोर्ट स्ट्रक्चर वाले राज्यों में शामिल होगा।
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