उत्तर प्रदेश स्वास्थ्य विभाग में बड़ा घोटाला सामने आया है। एक ही नाम से छह जिलों में एक्स-रे टेक्नीशियन की नौकरी कर वेतन लेने वाले आरोपी पर लखनऊ में मुकदमा दर्ज। सीएम योगी ने भर्तियों में धांधली पर कड़ी कार्रवाई के संकेत दिए।
क्या आपने कभी सुना है कि एक ही व्यक्ति एक साथ कई जिलों में सरकारी नौकरी कर रहा हो? उत्तर प्रदेश से ऐसा ही चौंकाने वाला मामला सामने आया है। स्वास्थ्य विभाग की भर्ती में बड़ा घोटाला पकड़ा गया है, जहां अर्पित सिंह नाम के अभ्यर्थी ने 2016 में हुए एक्स-रे टेक्नीशियन पद पर चयनित होकर छह अलग-अलग जिलों में नौकरी हासिल कर ली। मामला खुलने पर लखनऊ पुलिस ने अब इस पर मुकदमा दर्ज कर लिया है।
कैसे सामने आया यह खेल?
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय की निदेशक (पराचिकित्सा) डॉ. रंजना खरे की शिकायत पर लखनऊ के वजीरगंज थाने में एफआईआर दर्ज हुई। आरोप है कि आरोपी ने फर्जी दस्तावेज़ों का इस्तेमाल कर अलग-अलग जिलों में नौकरी पाई और 2016 से लगातार वेतन लेता रहा।
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किन जिलों में हुई फर्जी नियुक्ति?
जांच में सामने आया है कि आरोपी ने जिन जिलों में नौकरी की, उनमें शामिल हैं -
- बलरामपुर
- फर्रुखाबाद
- रामपुर
- बांदा
- अमरोहा
- शामली
इन जिलों में तैनात होकर आरोपी ने सालों तक वेतन उठाया और सरकारी खजाने को भारी नुकसान पहुंचाया।
सीएम योगी ने क्या कहा?
यह मामला तब उजागर हुआ जब सोमवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कनिष्ठ सहायक और एक्स-रे टेक्नीशियनों के नियुक्ति पत्र वितरण कार्यक्रम में मंच से ही भर्ती घोटालों का जिक्र किया। सीएम ने कहा - “किस तरह की भर्तियां होती थीं? हमें कई भर्तियां सीबीआई को सौंपनी पड़ीं। एक व्यक्ति आठ-आठ जगहों पर नियुक्ति लेकर वेतन ले रहा था। जांच हुई तो यह मामला सामने आया।” लखनऊ पुलिस का कहना है कि धोखाधड़ी और जालसाजी के इस पूरे मामले में एफआईआर दर्ज कर ली गई है और जांच तेज़ी से आगे बढ़ रही है। पुलिस ने साफ किया कि दोषी पाए जाने वाले किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा।
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