क्या आप जानते हैं यूपी में पिछड़े वर्ग के 5 लाख छात्रों को ₹188 करोड़ की छात्रवृत्ति सीधे उनके खाते में ट्रांसफर की गई? सीएम योगी की डिजिटल योजना ने शिक्षा में पारदर्शिता और त्वरित लाभ सुनिश्चित किया।

लखनऊ: सीएम योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग की बड़ी पहल के तहत करीब 5 लाख छात्रों के खाते में सीधे छात्रवृत्ति ट्रांसफर करने की प्रक्रिया शुरू की। यह योजना पूरी तरह डिजिटल और पारदर्शी है, ताकि कोई भी छात्र आर्थिक वजह से शिक्षा से वंचित न रहे।

पहले चरण में कितने छात्र हुए लाभान्वित?

पहले चरण में लगभग 2.5 लाख ओबीसी छात्र कक्षा 9 से 12 तक के विद्यार्थियों को ₹62.13 करोड़ की छात्रवृत्ति दी जा चुकी है। छात्र सीधे अपने बैंक खातों में राशि प्राप्त कर रहे हैं। दूसरे चरण में शुक्रवार को 4.83 लाख छात्रों को ₹126.68 करोड़ की राशि वितरित की जाएगी। यानी कुल मिलाकर पिछड़े वर्ग के छात्रों को 5 लाख से ज्यादा लाभ मिलेगा।

कैसे हो रहा है छात्रवृत्ति वितरण?

यह योजना पूरी तरह डीबीटी (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) सिस्टम के माध्यम से लागू की गई है। इसका मतलब है कि छात्र की राशि सीधे उसके आधार-संलग्न बैंक खाते में जाती है। प्रदेश के पिछड़ा वर्ग कल्याण एवं दिव्यांगजन सशक्तिकरण राज्य मंत्री नरेन्द्र कश्यप ने बताया कि सरकार का लक्ष्य है कि हर छात्र पढ़ाई जारी रखे और प्रतिभा के हिसाब से आगे बढ़े। अब छात्रवृत्ति वितरण तेज, पारदर्शी और डिजिटल होने के कारण छात्रों को लाभ जल्दी और बिना किसी रोकटोक के मिल रहा है।

छात्रवृत्ति बजट में कितना इजाफा हुआ?

2016-17 में पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग का कुल बजट ₹1295 करोड़ था। अब वित्तीय वर्ष 2025-26 में इसे बढ़ाकर ₹3124 करोड़ कर दिया गया है यानी लगभग 2.5 गुना वृद्धि। केवल छात्रवृत्ति और शुल्क प्रतिपूर्ति योजनाओं के लिए बजट ₹1092.36 करोड़ से बढ़कर ₹2825 करोड़ हो गया है। इसका सीधा मतलब है कि अब अधिक छात्रों को शिक्षा में लाभ मिलेगा।

इस बढ़ोतरी का मतलब साफ है: अब यूपी सरकार पिछड़े वर्ग के छात्रों के लिए शिक्षा को और आसान बनाने की दिशा में पूरी तरह प्रतिबद्ध है।

कौन-कौन सी योजनाएं अब ज्यादा बजट में हैं?

योजना का नामबजट 2016-17बजट 2025-26
पूर्वदशम छात्रवृत्ति₹107.33 करोड़ ₹325 करोड़
दशमोत्तर छात्रवृत्ति / शुल्क प्रतिपूर्ति₹984.62 करोड़₹2500 करोड़
शादी अनुदान₹141.55 करोड़₹200 करोड़
कंप्यूटर प्रशिक्षण ₹11 करोड़ ₹35 करोड़
छात्रावास अनुरक्षण 00 ₹5 करोड़
योजनाओं का प्रचार00 ₹1 करोड़

 इस वृद्धि से यह साफ है कि सरकार हर वर्ग के युवा को आत्मनिर्भर बनाने और समाज में समान अवसर सुनिश्चित करने के लिए गंभीर है।

क्या आप जानते हैं कुल कितना पैसा वितरित होगा?

  • पहले चरण में: ₹62.13 करोड़
  • दूसरे चरण में: ₹126.68 करोड़
  • कुल छात्रवृत्ति राशि: ₹188 करोड़ से अधिक
  • यानी 5 लाख से अधिक छात्र सीधे लाभान्वित होंगे।

क्यों है यह योजना खास?

  • तेज़ और पारदर्शी: अब छात्रवृत्ति वितरण पूरी तरह डिजिटल होने के कारण कोई भी भ्रष्टाचार या विलंब नहीं होगा।
  • आर्थिक बाधा नहीं: पिछड़े वर्ग के छात्र आर्थिक अभाव के कारण शिक्षा से वंचित नहीं होंगे।
  • समान अवसर: योगी सरकार का लक्ष्य है कि हर प्रतिभाशाली छात्र को उसकी क्षमता के अनुसार सहायता मिले।

क्या यह पहल 2047 के ‘शताब्दी संकल्प’ का हिस्सा है?

राज्य मंत्री नरेन्द्र कश्यप ने कहा कि शिक्षा में सुधार और छात्रवृत्ति वितरण की इस तरह की पहल यूपी को विकसित भारत के लक्ष्य के करीब लाएगी। जब प्रदेश का युवा शिक्षित होगा, तभी शताब्दी संकल्प-2047 की दिशा में कदम बढ़ाया जा सकेगा।

क्या छात्रवृत्ति लेने के लिए छात्रों को कुछ करना होगा?

नहीं। यह पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन है। छात्र को बस अपने आधार-संलग्न बैंक खाते में राशि मिलती रहेगी। इससे छात्रों को फॉर्म भरने या लंबी प्रक्रियाओं में समय नहीं लगाना पड़ेगा।

क्या यह पहला मौका है कि सितंबर माह में छात्रवृत्ति वितरण हुआ?

जी हां। वित्तीय वर्ष 2025-26 से पहली बार सीएम योगी के निर्देश पर छात्रवृत्ति वितरण सितंबर माह में ही शुरू किया गया। इससे छात्रों को जल्दी लाभ मिल रहा है और उनकी पढ़ाई में मदद हो रही है।