वीर बाल दिवस पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि त्याग और बलिदान से ही इतिहास बनता है। गुरु गोबिंद सिंह जी के साहिबज़ादों और गुरु तेग बहादुर जी के बलिदान को नमन करते हुए उन्होंने नई पीढ़ी को प्रेरणा लेने का आह्वान किया।

लखनऊ। धर्म और स्वदेश की रक्षा के लिए सर्वोच्च बलिदान देने वाले श्री गुरु गोबिंद सिंह जी के सुपुत्रों की स्मृति में आयोजित वीर बाल दिवस एवं श्री गुरु तेग बहादुर जी के 350वें शहीदी वर्ष के अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि इतिहास उन्हीं का बनता है, जिनके मन में त्याग और बलिदान का भाव होता है। उन्होंने कहा कि सिख गुरुओं ने स्वधर्म और स्वदेश के लिए सर्वस्व न्योछावर करने की जो परंपरा स्थापित की, वही भारत की प्रगति का मार्ग है।

मुख्यमंत्री आवास पर शबद पाठ और कीर्तन समागम का आयोजन

वीर बाल दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री आवास, 5 कालिदास मार्ग पर शबद पाठ और कीर्तन समागम का आयोजन किया गया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कार्यक्रम की शुरुआत में गुरु ग्रंथ साहिब को माथे लगाकर प्रणाम किया। इसके बाद उन्होंने शबद कीर्तन और साहिबज़ादों के अमर बलिदान की गाथा श्रद्धापूर्वक सुनी।

कीर्तन करने वाले बच्चों का सम्मान, पुस्तिका का विमोचन

मुख्यमंत्री ने शबद कीर्तन करने वाले बच्चों को पटका पहनाकर सम्मानित किया और उन्हें पुरस्कार प्रदान किए। इस अवसर पर उन्होंने ‘छोटे साहिबज़ादे’ नामक पुस्तिका का विमोचन भी किया, जिससे नई पीढ़ी को साहिबज़ादों के बलिदान की प्रेरणा मिल सके।

वीर बाल दिवस: साहिबज़ादों के बलिदान को नमन करने का दिन

सीएम योगी ने कहा कि गुरु गोबिंद सिंह जी के चार साहिबज़ादे- बाबा अजीत सिंह, बाबा जुझार सिंह, बाबा जोरावर सिंह और बाबा फतेह सिंह—के शहीदी दिवस को वीर बाल दिवस के रूप में मनाया जाना, उनके स्वधर्म और स्वदेश के प्रति अमर बलिदान को नमन करने का अवसर है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद दिया कि सिख समाज की भावना को सम्मान देते हुए इस दिवस को राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता दी गई।

सिख गुरुओं का इतिहास भक्ति और शक्ति का संगम

मुख्यमंत्री ने कहा कि सिख गुरुओं का इतिहास भारत में भक्ति और शक्ति का इतिहास है। गुरु नानक देव जी ने सिख धर्म की अलख जगाई और उसके प्रचार के लिए देशभर में भ्रमण किया। गुरु तेग बहादुर जी और गुरु गोबिंद सिंह जी ने अपने त्याग और बलिदान से इस परंपरा को अनुकरणीय बनाया।

गुरु तेग बहादुर जी के 350वें शहीदी वर्ष का विशेष महत्व

सीएम योगी ने कहा कि इस वर्ष सिखों के नौवें गुरु श्री गुरु तेग बहादुर जी के शहीदी दिवस का 350वां वर्ष मनाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि उन्हें कई बार इन कार्यक्रमों में शामिल होने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है। उन्होंने इसे विशेष संयोग बताया कि गुरु नानक देव जी के 550वें प्रकाश पर्व के अवसर पर ही 26 दिसंबर को वीर बाल दिवस मनाने की घोषणा की गई थी।

देशभर में वीर बाल दिवस कार्यक्रम, पाठ्यक्रम में शामिल गाथाएं

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज देश के हर स्कूल, कॉलेज और कार्यालय में वीर बाल दिवस के कार्यक्रम आयोजित हो रहे हैं। साहिबज़ादों की गाथाओं को शैक्षणिक पाठ्यक्रम में शामिल किया गया है, ताकि नई पीढ़ी त्याग, बलिदान और राष्ट्रभक्ति की प्रेरणा ले सके।

लंगर परंपरा सामाजिक समरसता का जीवंत उदाहरण

सीएम योगी ने कहा कि सिख धर्म की लंगर परंपरा सामाजिक समरसता का उत्कृष्ट उदाहरण है, जहां किसी की जाति या धर्म नहीं पूछा जाता। गुरु गोबिंद सिंह जी ने समाज को एकता और समानता के सूत्र में बांधने का कार्य किया।

वीर बाल दिवस हर युवा के लिए प्रेरणा का पर्व

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरु गोबिंद सिंह जी महाराज, माता गुजरी देवी और चारों साहिबज़ादों की स्मृतियों को नमन किया। उन्होंने कहा कि वीर बाल दिवस प्रत्येक भारतीय युवा के लिए प्रेरणा का दिन है। गुरु तेग बहादुर जी के 350वें शहीदी वर्ष के आयोजनों में डबल इंजन सरकार की ओर से हर संभव सहयोग का आश्वासन दिया।

आनंद साहिब का पाठ, अरदास और लंगर में सहभागिता

कार्यक्रम के अंत में आनंद साहिब का पाठ और अरदास हुई। इसके बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मंत्री स्वतंत्र देव सिंह, नंद गोपाल गुप्ता ‘नंदी’ और असीम अरुण के साथ लंगर में भी शामिल हुए।