विजयदशमी पर गोरखनाथ मंदिर में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने परंपरा के अनुसार गोपूजन किया। गोमाता के माथे पर तिलक लगाकर गुड़, पूड़ी और चावल का लड्डू खिलाया। भीम सरोवर का पूजन कर मछलियों को लाई खिलाई, आस्था और परंपरा का अद्भुत संगम दिखा।
विजयदशमी के शुभ अवसर पर गोरखनाथ मंदिर में विशेष पूजन का आयोजन हुआ, जहां गोरक्षपीठाधीश्वर एवं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने परंपरा के अनुरूप गोपूजन कर आशीर्वाद लिया। मंदिर की गोशाला में आयोजित इस अनुष्ठान में मुख्यमंत्री ने गोमाता के माथे पर तिलक लगाया और उन्हें गुड़, पूड़ी और चावल का लड्डू खिलाकर गोसेवा का भाव प्रदर्शित किया।
गोसेवा के प्रति मुख्यमंत्री का विशेष लगाव
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का गोमाता और गोवंश के प्रति आत्मीय लगाव जगजाहिर है। विजयदशमी के अवसर पर गोपूजन करते समय भी उनकी श्रद्धा और आत्मीयता स्पष्ट रूप से दिखाई दी। पूजन के बाद वे गोवंश को दुलारते और प्रेमपूर्वक उनसे स्नेह व्यक्त करते रहे।
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गोरखनाथ मंदिर में परंपरा और श्रद्धा का संगम
विजयदशमी के विशिष्ट अनुष्ठान में गोपूजन के साथ ही गोरक्षपीठाधीश्वर ने भीम सरोवर का पूजन किया। अनुष्ठान के दौरान उन्होंने सरोवर में रहने वाली मछलियों को लाई खिलाकर परंपरा का निर्वहन किया। मंदिर परिसर में मौजूद श्रद्धालुओं ने इस आयोजन को अद्भुत आध्यात्मिक अनुभव के रूप में देखा।
आध्यात्मिक आस्था और लोकपरंपरा का संदेश
गोरखनाथ मंदिर की यह परंपरा केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक नहीं, बल्कि लोकजीवन में गोसेवा और पर्यावरण संरक्षण के महत्व का संदेश भी देती है। मुख्यमंत्री योगी द्वारा किया गया गोपूजन समाज को यह प्रेरणा देता है कि गोवंश केवल पूजन का विषय नहीं, बल्कि भारतीय संस्कृति और जीवन मूल्यों की धरोहर है।
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