उद्यान और गन्ना विभाग की कार्यशाला में किसानों और वैज्ञानिकों ने योगी सरकार की विकास रणनीति की सराहना की। 2047 के लक्ष्य, कृषि में एआई, गन्ना टास्कफोर्स, फूड प्रोसेसिंग नीति और किसान सुविधाओं पर चर्चा हुई। सभी ने यूपी को विकसित बनाने का संकल्प लिया।
लखनऊ। विकसित उत्तर प्रदेश, समर्थ उत्तर प्रदेश 2047 के विज़न को लेकर शुक्रवार को उद्यान और गन्ना विभाग के स्टेकहोल्डर्स की कार्यशाला आयोजित हुई। किसानों और वैज्ञानिकों ने एक स्वर में कहा कि योगी सरकार के प्रयासों से उत्तर प्रदेश विकसित भारत का अग्रणी राज्य बनेगा। किसानों ने संकल्प लिया कि वे भी प्रदेश की समृद्धि में अपना निरंतर योगदान देंगे। सभी ने कृषि क्षेत्र में सरकार द्वारा किए जा रहे सुधारों की प्रशंसा की और कहा कि यूपी धीरे-धीरे विकसित भारत का पावर हाउस बन रहा है। उन्होंने बताया कि अन्य सरकारें केवल पंचवर्षीय योजनाएँ बनाती थीं, जबकि डबल इंजन सरकार ने अल्पकालिक, मध्यमकालिक और दीर्घकालिक रणनीति बनाकर व्यापक विकास का रोडमैप तैयार किया है।
पहली बार 2047 तक का बड़ा लक्ष्य, किसानों ने की सराहना
बुलंदशहर के प्रगतिशील किसान और गाजर उत्पादक कर्नल सुभाष देशवाल ने कहा कि अब तक केवल पंचवर्षीय योजनाएँ बनती थीं, लेकिन पहली बार केंद्र और राज्य सरकार ने 2047 तक के विकास की बड़ी योजना तैयार की है। उन्होंने कहा कि सरकार ने अलग-अलग अवधि के लिए माइलस्टोन तय किए हैं और अब लक्ष्यों पर केंद्रित होकर काम हो रहा है। देशवाल के अनुसार, यूपी की फूड प्रोसेसिंग नीति 2023 सबसे बेहतर है और किसानों को इसका अधिकतम लाभ उठाना चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार की नीतियों का प्रभाव बढ़ा तो पढ़े-लिखे युवा भी तेजी से खेती की ओर आकर्षित होंगे।
गन्ने में एआई की जरूरत और टास्कफोर्स के गठन का सुझाव
उत्तर प्रदेश गन्ना शोध परिषद, शाहजहांपुर की सीनियर साइंटिस्ट डॉ. प्रियंका सिंह ने कहा कि 2047 के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए कृषि में एआई का उपयोग बढ़ाना जरूरी है। उन्होंने सुझाव दिया कि गन्ने की खेती के लिए ‘सुगरकेन टास्कफोर्स’ का गठन किया जाए। उनके अनुसार, एआई तकनीक मिट्टी की गुणवत्ता सुधारने में मदद कर सकती है और पानी व खाद के अत्यधिक उपयोग को रोक सकती है। उन्होंने कहा कि हर किसान तक यह टेक्नोलॉजी पहुंचनी चाहिए ताकि उत्पादकता बढ़ सके। डॉ. प्रियंका ने रासायनिक खाद के साथ जैविक और कार्बनिक खाद पर भी जोर देने की आवश्यकता बताई और कहा कि किसानों की समय-समय पर कैपेसिटी बिल्डिंग आवश्यक है। उन्होंने सुझाव दिया कि शोध संस्थान, किसान और चीनी मिलें मिलकर काम करें ताकि बेहतर रिसर्च सामने आए।
सरकार की सुविधाओं से खेती और परिवार दोनों समृद्ध
बहराइच के प्रगतिशील किसान उदित नारायण वर्मा, जो गन्ना, गेहूं और धान की खेती करते हैं, बताते हैं कि सरकार वर्तमान को समृद्ध बनाकर भविष्य को बेहतर कर रही है। उन्होंने कहा कि सरकार समय पर खाद, बीज और अनुदान उपलब्ध करा रही है, जिससे खेती आसान हुई है और इससे परिवार की आय में भी बढ़ोतरी हुई है। उन्होंने कहा कि सरकार और किसानों की साझा मेहनत से प्रदेश तेजी से आगे बढ़ रहा है।
योगी सरकार की नीतियाँ सबसे बेहतर- किसानों की राय
लखीमपुर खीरी के अलीनगर मोहम्मदी के किसान हिमांशु वर्मा ने कहा कि योगी सरकार की नीतियाँ खेती और किसानों के लिए सबसे अच्छी हैं। उन्हें समय-समय पर विभाग से मार्गदर्शन, योजनाओं का लाभ और सब्सिडी मिलती है, जिससे खेती में नई संभावनाएँ बढ़ी हैं। उन्होंने कहा कि 2047 तक यूपी को विकसित बनाने के लिए सरकार गंभीर प्रयास कर रही है और किसानों की आय बढ़ाने पर भी विशेष ध्यान दे रही है।
