सार

उत्तर प्रदेश पुलिस के मुखिया(DGP) विजय कुमार सेक्स वर्करों के उत्पीड़न को रोकने उनके सपोर्ट में आगे आए हैं। पुलिस अधिकारियों की एक मीटिंग के दौरान डीजीपी ने कहा कि सेक्स वर्करों के हितों का ध्यान रखा जाए।

लखनऊ. उत्तर प्रदेश पुलिस के मुखिया(DGP) विजय कुमार सेक्स वर्करों के उत्पीड़न को रोकने उनके सपोर्ट में आगे आए हैं। पुलिस अधिकारियों की एक मीटिंग के दौरान डीजीपी ने इस बात पर जोर दिया कि जब पुलिस किसी वेश्यालय पर छापा मारती है, तो वेश्यालय चलाने वाले पर सख्त एक्शन लिया जाए, सेक्स वर्करों के हितों का ध्यान रखा जाए। डीजीपी ने सेक्स वर्करों के अधिकारों के संरक्षण पर भी जोर दिया।

उत्तर प्रदेश में सेक्स वर्कर्स और पुलिस का एक्शन

पुलिस अधिकारियों की मीटिग में DGP विजय कुमार ने सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का हवाला देकर जोर दिया कि पुलिस को इस बात का पूरा ध्यान रखना होगा कि सेक्स वर्करों को भी आम नागरिकों के बराबर सारे अधिकार मिले हैं। डीजीपी ने कहा कि जब भी किसी वेश्यालय पर छापा मारा जाता है, तो उसे चलाने वाले के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो, लेकिन सेक्स वर्करों के अधिकारों को ध्यान रखा जाए। उनके अधिकारों का हनन नहीं हो।

सेक्स वर्करों के खिलाफ पुलिस क्या कार्रवाई कर सकती है?

डीजीपी विजय कुमार ने कहा कि सेक्स वर्करों के खिलाफ एक सामान्य नागरिक की तरह कानून तोड़ने को लेकर एक्शन लिया जा सकता है। लेकिन पुलिस को यह ध्यान रखना होगा कि वे सिर्फ इस वजह से एक्शन न लें कि वे सेक्स वर्कर हैं।

डीजीपी ने एक बड़ी बात कही कि अगर कोई सेक्स वर्कर अपनी मर्जी से किसी के साथ है, तो पुलिस उसमें दखलअंदाजी न करे। अगर किसी सेक्स वर्कर के खिलाफ किसी क्राइम को लेकर शिकायत की जाती है, तो उस पर गंभीरता से एक्शन लिया जाए। उसे पुलिस का सहयोग दिया जाए।

डीजीपी ने कहा कि अपनी मर्जी से अगर कोई सेक्स सेवाएं दे रहा है, तो यह गैरकानूनी नहीं है। वेश्यालय चलाना अवश्य गैरकानूनी है। डीजीपी ने यौन हमलों से पीड़ित सेक्स वर्करों को तत्काल मेडिकल सुविधा दिलाकर आरोपी के खिलाफ कार्रवाई करने की बात भी कही।

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