सार
मुजफ्फरनगर के आमदपुर गांव का रहने वाला कुख्यात गैंगस्टर संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा (gangster sanjeev maheshwari jeeva) शुरुआती दिनों में पढ़ाई में तेज था। वह डॉक्टर बनना चाहता था। पर घर की माली हालत ठीक नहीं थी तो…
Gangster Sanjeev Maheshwari Jeeva: मुजफ्फरनगर के आमदपुर गांव का रहने वाला कुख्यात गैंगस्टर संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा शुरुआती दिनों में पढ़ाई में तेज था। वह डॉक्टर बनना चाहता था। पर घर की माली हालत ठीक नहीं थी तो उसने एक झोलाछाप डॉक्टर की क्लीनिक पर बतौर कंपाउंडर काम करना शुरु कर दिया। यही उसका रोज का काम था। पर एक वाकये ने उसके जीवन की दिशा बदल दी। झोलाछाप डॉक्टर का किसी के पास पैसा बकाया था, जो वह नहीं दे रहा था। डॉक्टर ने पैसों की वसूली के लिए संजीव जीवा को भेजा। वह पैसा वसूल कर आया भी। बस उसी घटना के बाद जरायम की दुनिया में उसके कदम बढ़ते चले गए और वह माफिया डॉन संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा बन गया।
संजीव जीवा जिस डॉक्टर के यहां काम करता था, उसी का अपहरण
उस घटना के बाद संजीव जीवा ने पहला सबसे बड़ा अपराध क्लीनिक के डॉक्टर को अगवा कर किया। जिसकी क्लीनिक पर वह बतौर कंपांउडर काम करता था। उसी को फिरौती लेकर छोड़ा। फिर संजीव जीवा ने पीछे मुड़कर नहीं देखा और कोलकाता के एक बड़े व्यवसायी के बेटे को किडनैप कर लिया। उस समय जीवा ने व्यापारी के बेटे को सही सलामत छोड़ने की एवज में दो करोड़ की फिरौती मांगी थी। इस घटना ने पूरे देश में खलबली मचा दी थी। यह खबर जब मुजफ्फरनगर के हाईप्रोफाइल क्रिमिनल रवि प्रकाश तक पहुंची तो उसने संजीव जीवा को अपना गुर्गा बना लिया और यहीं से क्राइम की दुनिया में संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा का ग्राफ बढ़ता चला गया। फिर वह हरिद्वार के नाजिम गैंग और उसके बाद गैंगस्टर सतेंद्र बरनाला के लिए काम करने लगा। दूसरे अपराधियों की शागिर्दी में भी उसका मन ज्यादा दिन तक नहीं रमा और उसने कुछ खूंखार अपराधियों को जोड़कर अपना खुद का गैंग बना लिया।
ये है संजीव जीवा की क्राइम कुंडली
- 10 फरवरी, 1997 को बीजेपी के कद्दावर नेता ब्रह्मदत्त द्विवेदी की हत्या में संजीव जीवा का नाम चर्चा में आया था।
- इसी केस में संजीव जीवा को उम्र कैद की सजा हुई थी।
- उसके बाद जीव मुन्ना बजरंगी के गैंग से जुड़ गया और मुख्तार अंसारी के सम्पर्क में आया।
- विधायक कृष्णानंद हत्याकांड में भी संजीव जीव का नाम सामने आया था।
- गैंगस्टर संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा के खिलाफ कुल 24 केस दर्ज हुए थे।
- आईएस गैंग नम्बर एक का गैंड लीडर संजीव जीवा कुख्यात माफिया मुख्तार अंसारी का सहयोगी था।
- यह केस मुजफ्फरनगर, शामली, गाजीपुर, फर्रूखाबाद और हरिद्वार में दर्ज हुए थे।
- हत्या, लूट, डकैती, अपहरण, रंगदारी और जालसाजी के आरोप में ये मुकदमे दर्ज हुए थे।
- उनमें से 17 मामलों वह दोषमुक्त हो चुका था।
- एक मामले में उसे साल 2003 में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी।
- उसकी पत्नी पायल माहेश्वरी गाजियाबाद में रहती है।
- उसके तीन बेटे व एक बेटी भी है।